एक सोच पल में बदल दे स्वर कंठो की,
मृदुल सी बोली से जोड़े कई रिश्तों को।
एक सोच आसमाँ छूने की जब ठाने ह्रदय से,
लाख अँधेरों में भी मिल जाएँ जुगनू की किरण भी।
नकारात्मकता को जो साथ लिए, “ना” की जगह बन जायेगा,
सकारात्मकता को जो साथ लिए, “हाँ” से रिश्ता जुड़ जायेगा।।
– Supriya Shaw…