Month: July 2021

रक्षाबंधन पर हिंदी कविताएं

छुटकी अपने भाई की

रक्षाबंधन पर हिंदी कविताएं

छुटकी अपने भाई की, थाल सजाएं राखी की, 

प्यार और स्नेह से, ली बलाएं भाई की।

चंदन, रोली, हल्दी का, तिलक लगाई माथे पर, 

आरती लेकर राखी बांधी, भाई की कलाई पर।

भाई का स्नेहिल मन, भाव विभोर हो उठा,

बहना का उत्साह देख, ममता से भर गया ह्रदय।

भाई प्यार का तोहफ़ा देकर, बहना का मान किया, 

सर पर हाथ रख कर छुटकी को, सौ सौ बार आशीर्वाद दिया।

भाई बहन का प्यार, कभी ना कमज़ोर होने देता,

कच्चा है यह धागा, प्रेम के जज़्बातो से गहरा हुआ।

मेरी प्यारी बहना

मेरी प्यारी बहना

यह रक्षा-बंधन का त्यौहार, 

कभी ना भूलूंगा मैं, 

जहां रहूँ जिस हाल में रहूँ,

इस दिन आकर राखी बंधवा लूंगा,

वचन है आज के दिन का, 

कभी ना होगा प्यार कम, 

चाहे ज़िंदगी में आ जाए कोई गम।

शक्ति कच्चे धागे की राखी

शक्ति कच्चे धागे की राखी

कच्चे धागे का यह रिश्ता, प्रेम, स्नेह से बना है,

हर रिश्ते से प्यारा, भाई बहन का रिश्ता बना है।

राखी के दिन भाई की, याद आ जाती है,

वो दूर मुझसे है, सोच कर आंखे भर आती है।

भाई-बहन का प्यार

भाई-बहन का प्यार

अटूट बंधन से बंधा रहे, भाई-बहन का प्यार, 

हर बहन मांगे इस दिन, दुआ हजारों बार।

कच्चे धागे की डोर, कभी ना हो कमज़ोर,

लेती वचन उम्र भर का, रक्षा करने की भाई से।

Tea quotes for tea lovers

चाय के कप

चाय के कप में केवल

चाय ही नहीं होती, 

“चाह” होती है 

साथ बैठने की!

जिंदगी तू मुझे

जिंदगी तू मुझे, 

चाय की तरह लगती है, 

कभी बहुत मीठी,

कभी फीकी, 

कभी बहुत कड़वी लगती है।।

रिश्ते भी चाय

रिश्ते भी चाय

चाय की तरह होते है 

ज़्यादा मीठी

 ज़्यादा कड़क हो जाए 

तो गले से 

नहीं उतरते हैं।।

चाय की एक प्याली है

कहाँ रह गए तुम,

यह शाम थी कुछ ख़ास, 

चाय की एक प्याली है, 

जो बांटनी थी तुम्हारे साथ।।

सिर्फ एक चाय ही है

सिर्फ एक चाय ही है

जो बिन बुलाए 

बिना बात के 

बिना समय 

बेवजह 

मुझे खींच लेती है 

वरना और किसी में 

वो बात नहीं 

जो तेरी एक घूंट में 

मिल जाती है!

चाय बिना ना

याद बहुत आती है, 

वह सांझ की बेला, 

सुबह की लाली, 

चाय बिना ना,

बात बनती थी मेरी।।

शाम की बेला

शाम की बेला 

चाय की प्याली

होठों की मुस्कान 

कैसे मैं रोकू…😊

चाय के बहाने

चाय के बहाने

चाय के बहाने हम मिलते रहे, 

हॅंसी की मिठास रिश्तो में घोलते रहे,

जुगलबंदी पानी और चायपत्ती की होती रही,

हम चाय के बहाने तारों को देखते रहे।।

सर्दियों में चाय की प्याली

सर्दियों में चाय की प्याली देख, 

कभी ना नहीं कर सकते हैं हम।

– Supriya Shaw….✍️

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