National Farmers Day, राष्ट्रीय किसान दिवस भारत के पूर्व प्रधान मंत्री चौधरी चरण सिंह के सम्मान में हर साल बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है। तो आइए जानते हैं इस दिन को मनाने की शुरूआत महत्व व अन्य महत्वपूर्ण बातें।
भारत एक कृषि प्रधान देश हैं, यहां की आधी से ज्यादा आबादी खेती-किसानी करती है। क्योंकि भारत मुख्य रूप से गांवों की भूमि है और गांवों में रहने वाली अधिकांश आबादी किसानों की है और कृषि उनके लिए आय का प्रमुख स्रोत है। किसान जब खेत में मेहनत करके अनाज उपजाते है तभी वह हर भारतीय के थालियों तक पहुंच पाता है। ऐसे में किसानों का सम्मान करना हमारा कर्तव्य बनता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए 23 दिसंबर पूर्व प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर हर साल किसान दिवस मनाया जाता है।
चौधरी चरण सिंह के आकर्षित करने वाले व्यक्तित्व और किसानों के पक्ष में विभिन्न लाभकारी नीतियों ने जमींदारों और धनियों के खिलाफ भारत के सभी किसानों को एकजुट किया। उन्होंने भारत के दूसरे प्रधान मंत्री द्वारा दिए गए प्रसिद्ध नारे जय जवान जय किसान का पालन किया।
पूर्व प्रधानमंत्री को याद करने के अलावा इस दिन राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में किसानों के महत्व के बारे में लोगों को जागरुक किया जाता है। वो किसानों के नेता माने जाते रहे हैं। उनके द्वारा तैयार किया गया जमींदारी उन्मूलन विधेयक राज्य के कल्याणकारी सिद्धांत पर आधारित था। एक जुलाई 1952 को यूपी में उनके बदौलत जमींदारी प्रथा का उन्मूलन हुआ और गरीबों को अधिकार मिला। उन्होंने लेखापाल के पद का सृजन भी किया। किसानों के हित में उन्होंने 1954 में उत्तर प्रदेश भूमि संरक्षण कानून को पारित कराया।
किसानों के प्रति उनका प्रेम इसलिए भी था क्योंकि चौधरी चरण सिंह खुद एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते थे और वह उनकी समस्याओं को अच्छी तरह से समझते थे। राजनेता होने के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री एक अच्छे लेखक भी थे।
पंजाब और हरियाणा में विकसित 60 के दशक के दौरान हरित क्रांति ने देश की कृषि तस्वीर को बदल दिया। इससे उत्पादकता में वृद्धि हुई और इस तरह भारत विभिन्न कृषि वस्तुओं में आत्मनिर्भर हो गया।
जब वे 1979 में भारत के प्रधान मंत्री बने तो उन्होंने किसानों के जीवन में सुधार के लिए कई बदलाव किए। यह एक दिलचस्प तथ्य भी है कि भारत के प्रधान मंत्री के रूप में चौधरी चरण सिंह ने कभी भी लोकसभा का दौरा नहीं किया।
किसान दिवस कैसे मनाया जाता है।
इस मौके पर पूरे देश में स्कूलों, कॉलेजों और संस्थानों में तरह-तरह के कार्यक्रमों, प्रतियोगिताओं, चर्चाओं और प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाता है।
इस दिन सरकार भारत के किसानों और विभागीय कृषि विज्ञान से संबंधित कई कार्यक्रम, सेमिनार और चर्चा का आयोजन करती है।
कृषि विभाग के अधिकारी और कृषि वैज्ञानिक गांवों का दौरा करके किसानों और उनसे संबंधित मुद्दों को समझने और उनके कृषि उत्पादन को बचाने के लिए कृषि तकनीकों और विभिन्न प्रकार के बीमा योजनाओं के बारे में समाधान और जानकारी प्रदान करते हैं।
चौधरी चरण सिंह को मिट्टी का पुत्र माना जाता है जो किसानों के समुदाय से संबंधित हैं। राष्ट्रीय किसान दिवस एक स्वतंत्र और मजबूत भारतीय किसान का सम्मान है।
By – Vikash Kumar
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