हिंदी कविता – हम दिल से हारे

❤हम दिल से हारे❤

प्यार तुम्हें हम बेहद करते है

तुम्हारे जाने से गुमसुम हो गए है

बस गई है तुम्हारी तस्वीर मेरे दिल में

ये तन्हा दिल तुम्हें याद कर के रोता है

शिकवा- शिकायतें करे भी तो किससे

कौन समझायें दिल को ये सुनता ही नहीं है

तन्हाई में दिल तुम्हें ही पुकारे

कितनी रातें बीत गयी, 

पर तुम बिन ये सोता नहीं है

हम दिल से हारे उसे समझा ना पाये

ये पागल दिल तुम्हारी याद में आँसू बहाता है

जाने वाले फिर वापस आते नहीं ये जानता है

फिर भी उनका इंतज़ार कर के दिन बिताता है

Usha Patel

❤प्यार जताना न आया ❤

वो इतने अच्छे लगे, उनका साथ हमेशा भाया है हमें,

प्यार करती रही पर प्यार करके भी जताना न आया हमें,

मेरी नजरों से नजरे मिलाकर भी वो पढ़ ना पाये मेरे प्यार को,

समझ न पाए मेरे दिल को कभी, 

प्यार उनका भी कभी नज़र न आया हमें,

प्यार वो भी तो करते है शायद पर हाथ बढ़ा न सके,

दिल के इतने पास होकर भी दिल का हाल सुनाना ना आया हमें,

जब भी वो मेरे सामने होते, हम शरमा जाते है,

न जाने क्यों दिल से दिल मिलाना ना आया हमें,

इज़हार करूँ भी तो कैसे, लब्ज़ ही ख़ामोश हो जाते है,

तुम मेरे होते हुए भी अपना बनाना ना आया हमें।।

लेखिका- उषा पटेल

छत्तीसगढ़, दुर्ग

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