💫माता की आराधना💫
माँ तुमसे है ये जग सारा,
हृदय तुम्हारा सबसे प्यारा,
तुम जो लाड़ करो तो,
खुल जाएं खुशियों का पिटारा,
हर क्षण माँ तुम्हें पुकारूँ,
जब भी मन से मैं हारूँ,
तुम दया की सागर हो,
चरणों में तुम्हारे मेरा मस्तक हो,
मेरे घर में पधारो माता,
कर दो भक्तों का बेड़ा पार माता,
हम तो मुर्ख है बालक तेरे,
तुम ही हो करुणा निधान माता,
विजय शालिनी पाप विनाशनी माता,
नव शक्ति सिद्धिदात्री सुख दाता,
हमेशा मुझे संभाले रखना,
सदा कृपा बनाये रखना||
लेखिका- उषा पटेल
छत्तीसगढ़, दुर्ग
माता की आराधना और उपासना की कविता