छुटकी अपने भाई की
छुटकी अपने भाई की, थाल सजाएं राखी की,
प्यार और स्नेह से, ली बलाएं भाई की।
चंदन, रोली, हल्दी का, तिलक लगाई माथे पर,
आरती लेकर राखी बांधी, भाई की कलाई पर।
भाई का स्नेहिल मन, भाव विभोर हो उठा,
बहना का उत्साह देख, ममता से भर गया ह्रदय।
भाई प्यार का तोहफ़ा देकर, बहना का मान किया,
सर पर हाथ रख कर छुटकी को, सौ सौ बार आशीर्वाद दिया।
भाई बहन का प्यार, कभी ना कमज़ोर होने देता,
कच्चा है यह धागा, प्रेम के जज़्बातो से गहरा हुआ।
मेरी प्यारी बहना
यह रक्षा-बंधन का त्यौहार,
कभी ना भूलूंगा मैं,
जहां रहूँ जिस हाल में रहूँ,
इस दिन आकर राखी बंधवा लूंगा,
वचन है आज के दिन का,
कभी ना होगा प्यार कम,
चाहे ज़िंदगी में आ जाए कोई गम।
शक्ति कच्चे धागे की राखी
कच्चे धागे का यह रिश्ता, प्रेम, स्नेह से बना है,
हर रिश्ते से प्यारा, भाई बहन का रिश्ता बना है।
राखी के दिन भाई की, याद आ जाती है,
वो दूर मुझसे है, सोच कर आंखे भर आती है।
भाई-बहन का प्यार
अटूट बंधन से बंधा रहे, भाई-बहन का प्यार,
हर बहन मांगे इस दिन, दुआ हजारों बार।
कच्चे धागे की डोर, कभी ना हो कमज़ोर,
लेती वचन उम्र भर का, रक्षा करने की भाई से।
Waawwooo Nice👌👌
thank you so much
Very nice
thank you so much
Nicely written