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कम उम्र में बालों का गिरना एक बहुत बड़ी समस्या

Usha Patel

आजकल कम उम्र में बालों का गिरना एक बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है

कारण पढ़ाई का बोझ, डिप्रेशन, तनाव, घर से दूर हॉस्टल और लॉज में पढ़ाई अथवा नौकरी के लिए जाना, जिसके कारण असमय भोजन और पौष्टिक तत्व की कमी होना।

डैंड्रफ की समस्या, बाल गंदे होने की वजह से बालों का झड़ना, तेल ना लगाना, जिसके कारण बालों में रूखे पन की समस्या उत्पन्न हो जाती है और बालों की नमी चली जाती है, जिसके कारण बाल झड़ने लगते हैं। 

इन सभी कारणों की वजह से बाल कब झड़ जाते हैं हमें पता भी नहीं चलता और हम बालों के ऊपर ध्यान नहीं दे पाते हैं।

क्योंकि कम उम्र में हमारे शरीर को जितनी पौष्टिक तत्वों की ज़रूरत होगी और हम उतना नहीं दे सके तो इन सब का प्रभाव सबसे ज़्यादा हमारे बालों पर आंखों पर पड़ता है। जिसके कारण बाल गिरते हैं और हमें पता भी नहीं चलता कि यह किस वजह से हो रहा है।

कुछ बातों पर ध्यान देकर हम असमय बालों का झड़ना रोक सकते हैं –

बालों में तेल का मसाज

बालों में रूखेपन की समस्या को दूर करने के लिए नियमित मसाज ज़रूरी है। तेल से बालों में नमी बनी रहती है जिससे डैंड्रफ की समस्या नहीं होगी। बालों के झड़ने का मुझे कारण डैंड्रफ होता है।

विटामिन युक्त भोजन का सेवन

भोजन में हरी सब्ज़ियों का प्रयोग सबसे ज़्यादा ज़रूरी है। हम कितनी भी विटामिन की गोलियां खा ले, मगर जो पोषक तत्व हरी फल, सब्ज़ियों से मिलती है वह किसी दवाइयों से नहीं।

आंवला

आंवला का सेवन खाने से लेकर बालों में लगाने तक करना उपयोगी है। आंवला को नारियल तेल में उबालकर छानकर रख लें और इसे नियमित रूप से लगाएं। बालों का झड़ना और बालों के रूखेपन की समस्या से निजात मिलेगी।

दूसरा सूखे आंवले के साथ शिकाकाई को रात में भिगोकर सुबह लगाने से भी अस्थाई रूप से निजात पा सकते हैं। आंवला का उपयोग अगर कम उम्र से ही शुरु कर दिया जाए तो बालों की समस्या कभी नहीं होगी और बाल स्वास्थ्य बने रहेंगे।

सुबह की धूप बालों के लिए विटामिन डी का काम करती है

अक्सर समय की कमी की वज़ह से सुबह की धूप बच्चों को नहीं मिल पाती है जिससे विटामिन डी की कमी की वजह से बालों का ग्रोथ नहीं होता। जो बाल बचे रहते हैं वह भी कमज़ोर होकर झड़ते रहते हैं।

बालों को कर्ली या स्ट्रेट करने वाले मशीनों से बचे

बालों को कर्ली और स्ट्रेट करने वाली मशीन से बजे। यह बालों को कमज़ोर बना देते हैं बाल पतले होकर झड़ने लगते हैं।

केमिकल ट्रीटमेंट से बचे

बालों को अलग-अलग हेयर स्टाइल बनाने के लिए पार्लर में केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। बालों को कलर करने वाले केमिकल कुछ समय के लिए बालों को सुंदर दिखाते हैं, लेकिन बाद में वहीं बालों की असली सुंदरता ख़राब कर देते हैं। और हमें हमेशा केमिकल वाले कलर पर डिपेंड होना पड़ता है। अगर शुरू से ही बालों पर कोई केमिकल नहीं लगाए तो बाल नेचुरल और शाइनी दिखेंगे। 

अमोनिया युक्त कलर बालों को ख़राब कर देते हैं इसलिए अगर एक उम्र के बाद कलर लगाना भी है तो अमोनिया वाले कलर का इस्तेमाल ना करें। यह बालों की असली चमक को खराब कर देते हैं।

ऐसी ही छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देकर हम अपने बालों की देखभाल कर सकते हैं और उसे असमय झड़ने से रोक सकते हैं।

उषा पटेल

छत्तीसगढ़, दुर्ग

फेयरनेस क्रीम का इस्तेमाल
कविता – प्रेम विरह कविता

गिन्नौरगढ़ की गोंड रानी कमलापति का इतिहास

आपकी सोच में ताकत व चमक होनी चाहिए।

यह जरूरी तो नहीं की मैं Branded कपड़े, जूते, घड़ी पहनकर सभ्य, अमीर और बुद्धिमान दिखूँ ।

जैसे जैसे उम्र का तकाजा होता गया दुनिया की समझ भी आने लगी कि अगर मैं Rs. 200 की घड़ी पहनूँ या Rs. 20000 की समय दोनों एक ही जैसा बताएंगी।

Rs. 5000 की ब्रांडेड जूते पहनु या Rs. 500 की पहनना पैर में ही हैं।

मेरा पर्स (वॉलेट) Rs. 300 का हो या Rs. 3000 का समान दोनों में रखा जा सकता है।

आगे बढ़ते उम्र के साथ आखिर में मुझे ये भी पता चला की यदि मैं बिजनेस क्लास मे यात्रा करूं या इकनोमी क्लास में, अपनी मंजिल पर नियत समय पर ही पहुँचूँगा।

इसीलिए आप अपने बच्चों को ज्यादा अमीर होने के लिए प्रोत्साहित ना करके उन्हे ये सिखाए की वे खुश कैसे रह सकते है, और जब वो बड़े हो तो वे चीजों के महत्व को समझे – उसकी कीमत को नहीं।

Branded चीजों का काम अमीर लोगों की जेब से पैसे निकालना होता है, जिससे गरीब व मध्यम वर्ग के लोग ज्यादा प्रभावित होते हैं।

क्या यह आवश्यक है कि मैं रोज Mac’d या KFC में ही खाऊ, ताकि लोग मुझे कंजूस ना समझे?

क्या यह आवश्यक है कि रोजाना अपने दोस्तों के साथ बाहर जाऊ, कैफै में बैठू, Restaurant में खाऊँ ताकि लोग मुझे रईस परिवार का समझे?

क्या यह आवश्यक है कि मैं Gucci, Addidas, Armani, Nike का ही पहनु ताकि मैं ब्रांडेड दिखूँ।

नहीं दोस्तों…

मेरे कपड़े आम दुकान से खरीदे होते हैं।
दोस्तों के साथ किसी ढाबे पर बैठ जाता हूँ।

भूख लगे तो किसी ठेले से लेकर खा लेता हूँ, खाने के अपमान करना अच्छी बात नहीं।

अपनी सीधी सादी भाषा बोलता हूँ।

चाहू तो वह सब कर सकता हु जो उपर लिखा है।

लेकिन

मैंने ऐसे भी परिवार देखे हैं जो एक Branded जूतों को जोड़ी की कीमत में अपना एक हफ्ता का राशन ले सकते हैं।

मैंने ऐसे परिवार भी देखें हैं जो एक Mac’d के बर्गर की कीमत मे पूरे घर का खाना बना सकते हैं।

यहाँ मैंने बस यही देखा हैं की पैसा ही सबकुछ नहीं होता, जो लोग किसी की बाहरी हालत देखकर उसकी कीमत लगाते हैं, मैं उनसे यही कहूँगा वो अपना इलाज तुरंत करवाएं।

मानव मूल की असली कीमत उसकी नैतिकता, व्यवहार, सहानुभूति, भाईचारा और मेलजोल का तरीका है न की उसकी मौजूदा शल्क, सूरत।

एक बार सूर्यास्त के समय सूर्य ने सबसे पुछा की मेरी अनुपस्थिति में मेरी जगह कौन कार्य करेगा ?

समस्त विश्व में सन्नाटा छा गया। किसी के पास कोई उत्तर नहीं था, तभी एक कोने से आवाज आई।

दिये ने कहा – “मैं हूँ ना” मैं अपना पूरा प्रयास करूंगी।

निष्कर्ष : आपकी सोच में ताकत व चमक होनी चाहिए। छोटा-बड़ा होने से कोई फर्क नहीं पड़ता, आपकी सोंच बड़ी होनी चाहिए।

मन के अंदर दीप जलाए, सदा मुस्कराते रहें और लोगों में खुशिया बिखेरते रहें।

By – Vikash Kumar
Digital Marketing Stretegist
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राष्ट्रीय किसान दिवस क्यों मनाया जाता है?
मोटिवेशनल कोट्स और स्टेटस
Two lines motivational quotes and status
2 Lines quotes and status on life in Hindi

बालों को घना और चमकदार बनाने के लिए घरेलू उपाय

Usha Patel

कम समय में बालों को घना और चमकदार कैसे करें

स्वस्थ और सिल्की बालों के उपचार में हम केमिकल युक्त महंगे प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते हैं। सलून जाते हैं फिर भी हमें वह रिज़ल्ट नहीं मिलता जो हमें रेगुलर घरेलू और सस्ते उपाय से मिलता है। सलून में जाकर बालों पर रेगुलर पैसे ख़र्च करना सबके बस की बात नहीं है। घर में रखे हुए चीजों से हम बालों की देखभाल कर सकते हैं। उसे बालों में लगाकर सिल्की और शाइनी बना सकते हैं। बालों को स्वस्थ रख सकते हैं। 

आज मैं कुछ ऐसे ही घरेलू उपायों के बारे में बताऊंगी जो हम सभी बिना ख़र्च किए आसानी से कर सकते हैं और अपने बालों को घने और सिल्की बना सकते हैं। स्वस्थ और सिल्की बालों के लिए कुछ घरेलू और आसान उपाय – 

प्याज का रस – बालों के स्वस्थ और सुंदर विकास के लिए प्याज का रस उपयोगी है। प्याज के रस में सल्फर होते है जो बालों के प्रोटीन कैरोटीन की कमी को पूरा करते है। जो बालों को सिल्की, मजबूत और स्वस्थ बनाए रखने में सहायक है। प्याज के एंटीबैक्टीरियल गुण के कारण बाल जड़ों से मजबूत रहते हैं।

प्याज के रस में नींबू का रस मिलाकर लगाना ज़्यादा फायदेमंद रहता है। बालों पर इसे 20 से 30 मिनट रखना चाहिए।

मेहंदी (हिना) में अंडे की ज़र्दी मिलाएं – मेहंदी में अंडे की ज़र्दी डालकर लगाने से बालों में कंडीशनर का काम करता है। जिससे बालों का चमक और रंगत दोनों बरकरार रहती है। मेहंदी में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो बालों में संक्रमण लगने से रोकते है। बालों में मेहंदी आप महीने में एक बार लगा सकते हैं। यह सबसे अच्छा घरेलू उपाय।

दही से बालों सिल्की और शाइनी बनाएं – दही में पोटैशियम, मैग्निशियम, मिनरल, कैल्शियम और विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में होती है। जो बालों को स्वस्थ और घने रखने में सहायक होती है। दही को बालों पर 15 से 20 मिनट लगा कर रखे और बाल धो लें। इससे बालों का गिरना, खुजली जैसी समस्या दूर होगी और बाल स्वस्थ हो रहेंगे।

अंडे की ज़र्दी (सफ़ेद हिस्सा) और नींबू का रस-  अंडा बालों के लिए सबसे उत्तम है। बालों में केराटिन की कमी को पूरा करने में अंडा सहायक है। अंडे की ज़र्दी लगाने से बालों में नमी बरकरार रहती है जिससे डैंड्रफ जैसी समस्या से छुटकारा मिलता है और साथ ही बाल हेल्दी और घने होते हैं। अंडे में मौजूद प्रोटीन और विटामिन बालों को स्वस्थ और सुंदर बनाते हैं। 

अंडे में नींबू का रस मिलाकर एक मिश्रण तैयार करें और इस मिश्रण को बालों पर अच्छी तरह लगाएं, इसे 30 से 40 मिनट रखने के बाद धो लें और इस प्रक्रिया को आप महीने में तीन या चार बार कर सकते हैं। इसके चमत्कारिक फ़ायदे आपके सामने होंगे।

बालों में तेल की मालिश करें – बालों में तेल की मालिश आमतौर पर भी फायदेमंद होते हैं। रूखे (ड्राई) बालों में नमी बनाए रखने और शरीर केवल रक्त संचार बेहतर बनी रहें इसके लिए तेल से मालिश ज़रूरी है। बादाम, नारियल या जैतून का तेल या कोई भी अच्छा बालों में लगाने वाले तेल जो आप इस्तेमाल करते हैं उसे लगा सकते हैं। उससे सिर पर मसाज करें। मसाज करने से पहले थोड़ा गर्म कर ले और बालों की जड़ों में तेल लगाकर हल्के हाथों से मसाज करें। तेल बालों के लिए भोजन का काम करता है और मानसिक राहत भी मिलती है। इसलिए तेल का मसाज ज़रूर करें।

आजकल हर किसी को सुंदर और स्वस्थ मजबूत बाल चाहिए, सिल्की बाल चाहिए। जिसके लिए हर इंसान महंगा प्रोडक्ट और सलून का इस्तेमाल नहीं कर सकता। हर किसी के लिए इतने पैसे ख़र्च करना आसान नहीं है। इसलिए घरेलू उपाय से हम वह सब पा सकते हैं जो हमें महंगें प्रोडक्ट से नहीं मिल सकता। इन घरेलू उपाय को अपनाकर हम सुंदर, घने और सिल्की बाल आसानी से पा सकते हैं।

उषा पटेल

छत्तीसगढ़, दुर्ग

डैंड्रफ कैसे हटाये

फेयरनेस क्रीम का इस्तेमाल कितना सही कितना गलत

23 दिसंबर राष्ट्रीय किसान दिवस। राष्ट्रीय किसान दिवस क्यों मनाया जाता है?

National Farmers Day

National Farmers Day, राष्ट्रीय किसान दिवस भारत के पूर्व प्रधान मंत्री चौधरी चरण सिंह के सम्मान में हर साल बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है। तो आइए जानते हैं इस दिन को मनाने की शुरूआत महत्व व अन्य महत्वपूर्ण बातें।

भारत एक कृषि प्रधान देश हैं, यहां की आधी से ज्यादा आबादी खेती-किसानी करती है। क्योंकि भारत मुख्य रूप से गांवों की भूमि है और गांवों में रहने वाली अधिकांश आबादी किसानों की है और कृषि उनके लिए आय का प्रमुख स्रोत है। किसान जब खेत में मेहनत करके अनाज उपजाते है तभी वह हर भारतीय के थालियों तक पहुंच पाता है। ऐसे में किसानों का सम्मान करना हमारा कर्तव्य बनता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए 23 दिसंबर पूर्व प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर हर साल किसान दिवस मनाया जाता है।

चौधरी चरण सिंह के आकर्षित करने वाले व्यक्तित्व और किसानों के पक्ष में विभिन्न लाभकारी नीतियों ने जमींदारों और धनियों के खिलाफ भारत के सभी किसानों को एकजुट किया। उन्होंने भारत के दूसरे प्रधान मंत्री द्वारा दिए गए प्रसिद्ध नारे जय जवान जय किसान का पालन किया।

पूर्व प्रधानमंत्री को याद करने के अलावा इस दिन राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में किसानों के महत्व के बारे में लोगों को जागरुक किया जाता है। वो किसानों के नेता माने जाते रहे हैं। उनके द्वारा तैयार किया गया जमींदारी उन्मूलन विधेयक राज्य के कल्याणकारी सिद्धांत पर आधारित था। एक जुलाई 1952 को यूपी में उनके बदौलत जमींदारी प्रथा का उन्मूलन हुआ और गरीबों को अधिकार मिला। उन्होंने लेखापाल के पद का सृजन भी किया। किसानों के हित में उन्होंने 1954 में उत्तर प्रदेश भूमि संरक्षण कानून को पारित कराया।

किसानों के प्रति उनका प्रेम इसलिए भी था क्योंकि चौधरी चरण सिंह खुद एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते थे और वह उनकी समस्याओं को अच्छी तरह से समझते थे। राजनेता होने के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री एक अच्छे लेखक भी थे।

पंजाब और हरियाणा में विकसित 60 के दशक के दौरान हरित क्रांति ने देश की कृषि तस्वीर को बदल दिया। इससे उत्पादकता में वृद्धि हुई और इस तरह भारत विभिन्न कृषि वस्तुओं में आत्मनिर्भर हो गया।

जब वे 1979 में भारत के प्रधान मंत्री बने तो उन्होंने किसानों के जीवन में सुधार के लिए कई बदलाव किए। यह एक दिलचस्प तथ्य भी है कि भारत के प्रधान मंत्री के रूप में चौधरी चरण सिंह ने कभी भी लोकसभा का दौरा नहीं किया।

किसान दिवस कैसे मनाया जाता है।

इस मौके पर पूरे देश में स्कूलों, कॉलेजों और संस्थानों में तरह-तरह के कार्यक्रमों, प्रतियोगिताओं, चर्चाओं और प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाता है।

इस दिन सरकार भारत के किसानों और विभागीय कृषि विज्ञान से संबंधित कई कार्यक्रम, सेमिनार और चर्चा का आयोजन करती है।

कृषि विभाग के अधिकारी और कृषि वैज्ञानिक गांवों का दौरा करके किसानों और उनसे संबंधित मुद्दों को समझने और उनके कृषि उत्पादन को बचाने के लिए कृषि तकनीकों और विभिन्न प्रकार के बीमा योजनाओं के बारे में समाधान और जानकारी प्रदान करते हैं।

चौधरी चरण सिंह को मिट्टी का पुत्र माना जाता है जो किसानों के समुदाय से संबंधित हैं। राष्ट्रीय किसान दिवस एक स्वतंत्र और मजबूत भारतीय किसान का सम्मान है।

By – Vikash Kumar
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गिन्नौरगढ़ की गोंड रानी कमलापति का इतिहास
उत्तराखंड की ऐपण कला
हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति स्टेशन बना

हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति स्टेशन बना

रानी कमलापति स्टेशन

हबीबगंज स्टेशन जो कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की शान है। 15 नवंबर 2021 को उस स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति स्टेशन रखा गया है।

भोपाल की ख़ूबसूरती में आज वर्ल्ड क्लास रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का नाम भी जुड़ चुका है। यात्रियों की ज़रूरतों  को देखते हुए हर प्रकार की सुविधाओं को प्रदान करने की कोशिश की गई है। 

कैसे बदला हबीबगंज स्टेशन का नाम रानी कमलापति स्टेशन 

हबीब मियां जो भोपाल के नवाब थे उन्होंने 1970 में स्टेशन के नाम पर अपनी ज़मीन दान में दी थी, ताकि वहां रेलवे स्टेशन का विस्तार हो सके। 1979 में हबीबगंज स्टेशन का निर्माण कार्य हुआ था। दरअसल हबीब का मतलब होता है ख़ूबसूरत और प्यारा। हरियाली और झिलो के बीच बसा यह गांव भोपाल की ख़ूबसूरती को बढ़ा देता है। इसकी ख़ूबसूरती को देखते हुए भोपाल के नवाब की बेगम ने इस गांव का नाम हबीबगंज रखा था। 

आज उसी स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति स्टेशन रखा गया है। जिसका उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के हाथों 15 नवंबर को हुई हैं।

15 नवंबर महान स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा जी के जयंती पर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया गया है।

और इसी के साथ हबीबगंज स्टेशन (नया नाम) रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का कोड RKMP रखा गया है।

इस स्टेशन की सबसे ख़ास बात यह है कि यह पूरा सौर ऊर्जा से चलेगा। और यहां पर यात्रियों की सुविधाओं का ख़ास ध्यान रखा गया है। 

सीहोर जिले के सलकनपुर रियासत के राजा कृपाल सिंह सरौतिया की पुत्री का नाम रानी कमलापति था। रानी कमलापति बचपन से ही बुद्धिमान थी। कमलापति की बुद्धिमता और पराक्रम को देखते हुए राजा कृपाल सिंह ने उन्हें अपने राज्य का सेनापति घोषित किया था। 

भोपाल से लगभग 55 किलोमीटर दूर 750 गांवों को मिलाकर गिन्रौरगढ़ रियासत था यहां के राजा सूराज सिंह शाह के बेटे निजाम शाह से ही रानी कमलापति की शादी हुई थी।

रानी कमलापति गिन्नौरगढ़ रियासत की अंतिम गोंड रानी थी। माना जाता है कि अपनी बुद्धिमता, वीरता और पराक्रम के बल पर उन्होंने कई उत्कृष्ट कार्य किए थे। मंदिरों की स्थापना और उद्यान के क्षेत्र में उन्होंने कार्य किए थे। माना जाता है कि रानी कमलापति ने अपनी इज़्ज़त की रक्षा के लिए जल समाधि ले ली। ऐसी वीरांगना के नाम पर आज हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति स्टेशन रखा गया है। आदिवासी समुदायों में से सबसे बड़ा गोंड समुदाय है। और 18 वीं सदी की गोंड साम्राज्य की आखरी शासिका थी रानी कमलापति। 

गिन्नौरगढ़ की गोंड रानी कमलापति का इतिहास

Gond Rani Kamlapati
फोटो गूगल सर्च से लिया गया है

रानी कमलापति सीहोर जिले के सलकनपुर के राजा कृपाल सिंह सरोतिया की सुपुत्री थी। कृपाल सिंह रानी कमलापति की बुद्धिमानी और बहादुरी को देखते हुए उनको राज्य का सेनापति घोषित किए थे। माना जाता है कि उन्हें तलवारबाजी और घुड़सवारी का शौक था।

रानी कमलापति का विवाह गिन्नौरगढ़ के गोंड राजा सूरज शाह के बेटे निज़ाम शाह के साथ हुई थी। निज़ाम शाह की सात पत्नियाँ थी। रानी कमलापति निज़ाम शाह की सातों पत्नियों में से सबसे सुंदर थी जिसके कारण निज़ाम शाह की प्रिय रानी थी।

कहा जाता है कि रानी कमलापति अपने शासनकाल में जल प्रबंधन से संबन्धित कई उत्कृष्ट कार्य किए थे। जगह-जगह उद्यान और मंदिरों की स्थापना करवाई।

वही आलम शाह बाड़ी का शासक था। और जो कि निजाम शाह का भतीजा था उसकी नज़र निज़ाम शाह की संपत्ति पर थी। आलम शाह ने अपने चाचा निज़ाम शाह की हत्या के लिए कई बार षड्यंत्र रचा मगर वह कभी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाया।

आलम शाह किसी भी तरह निज़ाम शाह की संपत्ति को हथियाना चाहता था। इसके लिए उसने 1720 में निज़ाम शाह को खाने पर अपने घर बुलाया और वहां निज़ाम शाह को धोखे से खाने में ज़हर मिलवा कर उनकी हत्या करवा दी। इस प्रकार आलम शाह ने निज़ाम शाह की हत्या कर दी।

निज़ाम शाह की हत्या के बाद

निज़ाम शाह की हत्या के बाद रानी कमलापति अकेली पड़ गई। परंतु वह आलम शाह के षड्यंत्र और मंसूबों को समझ चुकी थी। वह किसी भी तरह अपने पति निज़ाम शाह के मौत का बदला लेना चाहती थी।

निज़ाम शाह ने रानी कमलापति के नाम से गिन्नौरगढ़ से दूर भोपाल में स्थित रानी कमलापति महल बनवाया था। निज़ाम शाह के मौत के बाद रानी कमलापति अपने बेटे नवल शाह के साथ गिन्नौरगढ़ से भोपाल स्थित कमलापति महल में आ गई। और इस तरह अपने बेटे के साथ वह रानी कमलापति महल आकर रहने लगी। 

पति के मौत का बदला लेने के लिए रानी कमलापति मित्र मोहम्मद ख़ान से सहायता ली

अब अपने पति के मौत का बदला लेने के लिए उन्होंने मित्र मोहम्मद ख़ान से सहायता लेनी चाहि। मोहम्मद ख़ान ने इस युद्ध के लिए कमलापति से मोटी धनराशि की माँग की और कमलापति ने उनकी माँग को पूरा करते हुए मोहम्मद ख़ान को आलम शाह से युद्ध करने के लिए कहा।

रानी कमलापति के कहने पर मोहम्मद ख़ान ने आलम शाह से युद्ध कर उसे पराजित किया और इस तरह रानी कमलापति ने अपने पति की हत्या का बदला लेकर गिन्नौरगढ़ का शासन भार संभाला था।

रानी कमलापति गिन्नौरगढ़ की आखिरी गोंड साम्राज्य की  महिला शासक थी। 

जीत के बाद रानी ने मोहम्मद ख़ान को भोपाल का एक हिस्सा दे दिया। लेकिन कुछ समय पश्चात मोहम्मद ख़ान ने रानी कमलापति से गिन्नौरगढ़ का साम्राज्य हड़पना चाहा। रानी कमलापति जो मोहम्मद खान को अपने भाई की तरह मानती थी। परंतु उन पर बुरी नज़र थी। जो नवल शाह को अच्छा नहीं लगा।  तब मोहम्मद ख़ान और नवल शाह में युद्ध हुआ और युद्ध के दौरान 14 साल के नवल शाह की मृत्यु हो गई।

युद्ध में हार और नवल शाह की मृत्यु की ख़बर सुनते ही रानी ने अपने आत्मसम्मान की रक्षा करते हुए महल की तरफ़ जो बांध था उसका पानी खोलने को कहा, जिसके कारण महल के तरफ जो सकरा रास्ता  जाता था उससे होकर पानी महल में प्रवेश कर गया और इस तरह महल धीरे-धीरे पानी में डूबने लगा, जिसमें रानी ने अपने आप को जल समाधि ले ली। 

स्त्री विषयी कविता

कविता – कद्र करना सिखा दिया, कोरोना का समय

नारी के रूप अनेक

How are indonesian woman – Technewsbangla

एपीजे अब्दुल कलाम जी के शब्दों से प्रभावित और प्रेरित सुविचार

संयम वो विश्वास है,

जो बड़े से बड़े अड़चनों को भी 

रास्ते से हटा सकता है।।

एपीजे अब्दुल कलाम जी के शब्द हर पीढ़ी के लिए एक सीख है एक मार्गदर्शक है। वह हमारे बीच अपने शब्दों में आज भी ज़िंदा है। उनके शब्दों से छात्र बहुत प्रभावित होते हैं और उनकी तरह बनने की जिज्ञासा और जोश हर युवा पीढ़ी में देखने को मिलती हैं। उनकी संयम और विश्वास की कहानी हर युवा पीढ़ी को सुननी चाहिए और उनसे सीख लेनी चाहिए। सफलता और कठिनाइयों को उन्होंने जिस तरह से व्यक्त किया है वह किसी भी हारे हुए इंसान में एक नई उम्मीद की किरण की तरह है। 

एपीजे अब्दुल कलाम जी के शब्दों से प्रेरित कुछ अनमोल विचार

कठिनाइयों का सफ़र 

बर्बादी की तरफ़ नहीं जाता। 

बल्कि हमारी छुपी हुई प्रतिभा, 

सामर्थ्य और शक्तियों को 

नई दिशा देता है।।

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असफलता वह बीमारी है

जिसकी दवा केवल 

आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत है 

यही हमें सफलता तक पहुँचाती है।।

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कोशिश करने वालों को सफलता 

ज़रूर मिलती है 

इंतज़ार करने वालो को नहीं।।

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सिग्नेचर, ऑटोग्राफ में बदल जाते ही 

कामयाबी हमें अकेले से 

भीड़ में लाकर खड़ा कर देती है।।

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ब्लैक बोर्ड पर लिखे शब्द 

हमारे जीवन को ब्राइट बनाते हैं।।

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मैं खूबसूरत हूँ या नहीं

यह ज़रूरी नहीं।

लेकिन किसी ज़रूरतमंद की 

मदद करने के लिए 

मेरा सुंदर दिल साथ देगा, 

ना कि सुंदर चेहरा।।

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दैनिक समस्याओं से घिरा व्यक्ति

अपनी अच्छी बातों को भूल जाता है 

जो उसमें है।।

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हम अपनी कुछ आदतों को बदलकर, 

अपने भविष्य को एक नया रूप दे सकते हैं।

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ऐपण क्या है ?

प्रेरणादायी एक लड़की 

दिवाली पर कविता

दिवाली पर कुछ कविताएं

दिवाली का त्यौहार हो और घर की साज-सज्जा सामग्री, मिठाई, पकवानों, फुलझड़ी, पटाख़ों की बातें ना हो ऐसा हो ही नहीं सकता। घर के हर सदस्य में एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। जहां घर के बड़े सदस्य लक्ष्मी-गणेश की पूजा में व्यस्त होते हैं वहीं बच्चे पटाखें और फुलझड़ियाँ को महत्व देते हैं। सभी अपने अपने तरीके से दिवाली की खुशियाँ एक दूसरे में बांटते हैं। मिठाई और उपहार भेंट करने का अच्छा अवसर होता है दोस्त, रिश्तेदार, पड़ोसी एक दूसरे को उपहार और मिठाइयाँ भेंट करते है। लक्ष्मी जी की अपार अनुकंपा हम पर बनी रहे इसके लिए एक नियमित विधि विधान से पूजा होती है। 

दीपों से सजी दिवाली पर कुछ कविताएं :

दिया जलाना है

पहला दिया विश्वास के नाम, 

जिसके बिना ना बने कोई काम। 

एक दिया रिश्तों के नाम, 

हो समर्पण और त्याग परिवार के नाम। 

एक दिया समाज के नाम, 

हो कुरीतियों का विनाश। 

दिया जलाएं निर्धन के नाम, 

झोली में खुशियाँ भरें श्री राम।

एक दिया अंध्यारो के नाम,

रावण बन हर मन में है छुपा।

एक दिया सृष्टि के रचयिता के नाम, 

मिले बराबर न्याय जहां। 

हो सबकी मनोकामना पूरी 

ऐसा दिया साथ जलाएं आज।

रहे अनुकंपा लक्ष्मी-गणेश की, 

ऐसी आस्था के साथ दिया जलाए साथ।।

दिया जले हर धर्म का साथ

दिवाली की सफाई कुछ इस तरह से करना है, 

धूल घर के साथ मन का भी साफ़ करना है,

पुराने गिले-शिकवे को दिल से दूर भगाना है, 

दिल के रिश्तों की डोर से सबको बांधे रखना है,

दिये की रोशनी से घर का हर कोना जगमगाना है, 

दिया जले हर धर्म का साथ, एकता हमें दिखाना है,

ईर्ष्या, द्वेष, क्लेश से दूर मानवता को करना है।।

आज है दिवाली का त्यौहार

खुशियाँ और समृद्धि का त्यौहार, 

आज है दिवाली का त्यौहार, 

लक्ष्मी गणेश के पूजन का त्यौहार, 

कृपा बरसे एश्वर्य, धन की आज।

दिये की रोशनी से दूर हुआ अंधेरा, 

हर्षित मन के साथ दिया सबने जलाया, 

टिमटिमाते तारो संग धरती आज सजी, 

फुलझड़ी, पटाख़ों के संग दिवाली की धूम मची। 

हंसी, ठिठोली में रंजिश सब की मिट गई, 

मिठाइयों की मिठास आपस में जब सबने बांटी, 

मनचाहे उपहार देकर दिवाली आज मनाई, 

खुशियों की सुंदर बेला आज हर घर में आई।।

– Sunita Shaw

कुछ साथी सफ़र में छूट गए

Life Thoughts

माँ बेटी के रिश्ते को एक मज़बूत कड़ी में बाॅंधती है कुछ ख़ास बातें

माँ बेटी का रिश्ता

माँ बेटी के रिश्ते जैसा ख़ूबसूरत और मज़बूत कोई रिश्ता नहीं,

मैं भी एक माँ हूँ और अपने तजुर्बे को बांटना चाह रही हूँ।

बेटियाॅं सौभाग्य से मिलती हैं, वो सौम्यता, शालीनता और चंचलता से परिपूर्ण होती है। हर माॅं अपनी बेटी में अपने अक्स को देखती है और भरसक कोशिश करती है जो खुशियाॅं उसे नहीं मिली वह अपनी बेटी को दे और जो गलती वो कर चुकी है अपनी बेटी को ना करने दे। इन्हीं सब कोशिशों में हम कभी-कभी बहुत सख़्त तो कभी बहुत नर्म हो जाते हैं। और इन सब की वजह से माॅं बेटी का रिश्ता एक मोड़ पर आकर विचलित हो जाता है तो आइए कुछ बातों पर ध्यान देते हैं –

एक माँ का व्यवहार अपनी बेटी के साथ दोस्त व सहेली की तरह होना चाहिए, इसके लिए जब बेटी छोटी हो तभी से उससे ढेर सारी बातें करते रहें, उसकी रूचि और पसंद पर उसका मनोबल बढ़ानी चाहिए।

बेटी से अगर कोई गलती हो जाए तो उसका कारण जाने और अगर वह बताने में असमर्थ हो तो उसे थोड़ा वक़्त दें। लेकिन प्यार और दुलार से उसका कारण एक माॅं ही बुलवा सकती है जो कि ज़रूर उससे बुलवाएं।

नखरे और शरारतो की पूरी दुनिया होती है बेटी, माॅं को भी समय-समय पर बच्चा बनकर उसके साथ खेलना पड़ता है तब जाकर बेटियाॅं माॅं के आँचल को कभी नहीं छोड़ती, उसे अपना घर बना लेती है।

एक उम्र के बाद भी दूरी ना बने इसके लिए उसे अपने हर छोटी और बड़ी समस्याओं और खुशियों में शामिल करें और कुछ जिम्मेदारियों को भी सौंपे, जिससे माॅं बेटी के बीच सलाह मशवरा होती रहें और बेटी की सलाह को अहमियत दे।

बेटी का जन्मदिन हो या शादी की सालगिरह हो या कोई स्पेशल ऑकेजन हो, उस दिन को बेटी के मूड के अनुसार स्पेशल बनाएं।

सबसे ज़रूरी बात शायद ही कोई माँ भूलती होगी, बेटी को बार-बार गले लगाना और उसके माथे पर चुंबन करना, ऐसा करने से बेटी की तोतली बोली हर बार निकलेगी चाहे वह कितनी भी बड़ी हो जाए।

दुनिया के हर रिश्ते से परे है माँ बेटी का रिश्ता, इस रिश्ते को जितना ही प्यार और विश्वास से संवारते हैं उतना ही मिठास ज़िंदगी में महसूस होता है। एक माँ की सबसे अच्छी सहेली होती है बेटी, अपना हर दुःख, अपनी हर तकलीफ़ को, अपनी खुशियों को वह खुले दिल से अपनी बेटी के सामने रखना चाहती है और ऐसा करना भी चाहिए, क्योंकि जब हम ऐसा करेंगे तो ही हमारी बेटी भी हमारे उतने ही क़रीब आएगी और अपने हर बात को कहने में सहज महसूस करेगी।

मैंने देखा है कई बार एक उम्र के बाद बेटी माँ से धीरे-धीरे दूर होते जाती है, वह अपनी दुनिया में जीने लगती है, मगर इस दूरी को ख़त्म करने का काम भी एक माँ कर सकती है।

माँ जितनी सरलता से अपनी बेटी की हरकतों को, बातों को, उसके ना को, उसके हां को, उसकी हँसी को, उसके आँसू को, उसके गुस्से को समझ सकती है, दुनिया में और कोई भी नहीं है जिसमें इतनी बड़ी दिव्य शक्ति होती है।

Supriya Shaw

स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त पर बाल कविता

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स्वतंत्रता दिवस कविता कोश

आज़ादी का दिन आया

आज़ादी का दिन आया,

लाल किले पर ध्वज फहराया, 

शोभा देख किले कि आज, 

हर चेहरे पर मुस्कान है छाया।

राष्ट्रगान से झूमा देश, 

जब तिरंगा किले पर लहराया, 

तोपों की देकर सलामी, 

जन-गण का गान सब ने गाया।

फूलों की वर्षा किले पर, 

ढोल नगाड़ों के संग बरसाया, 

वीर शहीदों की कुर्बानी, 

आज़ादी का सुख बनकर बरसाया।

जाति धर्म का भेद ना दिखता, 

अखंड भारत का पाठ पढ़ाता, 

हर युवा एक स्वर में कहता, 

भारत माता की जय, भारत माता की जय।।

भारत की शान

अमर हुए उन वीरों की 

कुर्बानी ना व्यर्थ करेंगे।

हम भारत की शान बन कर, 

अपना सर्वस्व कुर्बान करेंगे।।

Supriya Shaw…

शीर्षक — तिरंगा हमारा 

हमारा आन तिरंगा है,, 

हमारा शान तिरंगा है,, 

हमारी जान तिरंगा है।। 

हमारा अरमान तिरंगा है,, 

हमारा जहान तिरंगा है,, 

हमारी पहचान तिरंगा है।। 

हमारा  इमान तिरंगा है,, 

हमारा अभिमान तिरंगा है,, 

हमारा मुकाम तिरंगा है।। 

हमारा बलिदान तिरंगा है,, 

हमारा पयाम तिरंगा है,, 

हमारा एहतराम तिरंगा है।। 

तिरंगें से ही है हमारा सबकुछ,, 

तिरंगा ही है हमारे लिए सबकुछ।। 

जो आंख इसकी ओर उठायेगा,, 

खाते हैं भारत माता की सौगंध,, 

वो गद्दार वीर सपूतों के हाथों बच ना पायेगा।। 

सिर पर अपने कफ़न बांध लिया है हमनें,, 

हरदम इसकी सुरक्षा करने का ठान लिया है हमनें।। 

जाये तो चले जाये प्राण भले ही,, 

है इस बात का अब कोई गम नहीं,, 

हम है भारती माता की संतान,, 

कभी भी किसी से हम कम नहीं।। 

है हमें अपना तिरंगा जान से भी प्यारा ,, 

इस पर न्योछावर है हमसबका ये जीवन सारा ।।

— ©Alfaj_ E_ Chand (Moon) ✍✍

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