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बाल मजदूरी के कारण और दुष्प्रभाव

 बाल मजदूर

अक्सर देखा है उन मासूम ऑंखों में सपनों को मरते हुए, रोजाना, हर दिन, हर पल, एक ख़्वाब को धीरे-धीरे दम तोड़ते हुए। कभी सिग्नल पर नन्हें हाथों में फूल बेचते हुए तो कभी कोई खिलौना, कोई किताब बेचते हुए। ये बच्चे रोज़ अपनी रोटी का जुगाड़ करते नज़र आते हैं। इनका कुसूर सिर्फ इतना है कि ये मजबूर है, क्योंकि ये बाल मजदूर हैं। 

जी हाॅं, बाल मज़दूर का अर्थ यूॅं तो हर देश, हर समाज, हर कानून अपनी तरह से लगता है, लेकिन हमारी नज़र में हर वो बच्चा, जो अपना बचपन खोकर सिर्फ रोटी के जुगाड़ में लगा रहता है, जो स्कूल नहीं जा सकता, जो सपने नहीं देख सकता और अपने हक़ के लिए लड़ नहीं सकता, बाल मज़दूर है। 

क्यों होती है बाल मज़दूरी?             

  • ग़रीबी, अशिक्षा और परिवारिक व सामाजिक असुरक्षा इसका सबसे बड़ा कारण है। 
  • शहरों में जिस तरह से घरेलू नौकर के रूप में बच्चों से काम करवाने का चलन बढ़ा है, वो चलन अब बेलगाम हो चुका है। 
  • छोटे – छोटे होटलों, ढाबों या गैराज में काम करने वालों में अधिकतर बच्चे ही होते हैं। 
  • यही नहीं, कई ऐसे काम हैं, जो बच्चों के लिए खतरनाक हैं। ऐसी जगहों पर बच्चों से 14-16 घंटों लगातार काम करवाया जाता है। 
  • बच्चों के रूप में सस्ता लेबर मिल जाता है। 
  • उन्हें डराया, धमकाया जा सकता है। 
  • वो विरोध नहीं कर सकते। इन्हीं सब वजहों से बाल मजदूरी खत्म नहीं हो रही। 
  • गरीब व अशिक्षित लोग खुद मजबूर होते हैं। वो बच्चों को स्कूल भेजना अफोर्ड नहीं कर सकते, उनके लिए जो बच्चा दिनभर कुछ काम करके  थोड़े से पैसे घर ले आए, वही काम का है। ऐसे में खुद इन बच्चों के माता- पिता भी कई बार जाने-अनजाने बाल मज़दूरी के लिए बच्चों पर दबाव डालते हैं। 

बाल मजदूरी का दुष्प्रभाव –              

जो बच्चे इसे झेलते हैं, उन पर इसका शरीरिक, मानसिक व भावनात्मक प्रभाव पड़ता ही है। 

  • इन बच्चों को समान्य बचपन नहीं मिलता। 
  • कुपोषण के शिकार होते हैं। 
  • अमानवीय व गंदे माहौल, जैसे पटाखा बनाने के कारखानों, कोयला खदानों आदि में काम करने पर इनका स्वास्थ्य खराब होता है। 
  • कमजोरी के कारण ये जल्दी बीमार पड़ते है। 
  • घरेलू काम करने वाले  बच्चों की हालत भी कोई बहुत अच्छी नहीं होती। उनकी उम्र से अधिक उनसे काम करवाया जाता है। 
  • मानसिक रूप से भी वे सामान्य बच्चों की तरह नहीं रह पाते। 
  • अशिक्षा की वजह से उनका पूरा भविष्य ही अंधकारमय हो जाता है। 

 क्या कोई उपाय है?         

कोई भी समस्या मात्र कानून से ही खत्म नहीं होती। सामाजिक स्तर पर भी उसे खत्म करने के पूरे प्रयास होने चाहिए। लोगों को जागरूक व सतर्क करना जरूरी है। बदलाव आने में तो सदियाॅं लग जाती है। तब तक सरकार व प्रशासन को ही अपने स्तर पर कोशिश करनी चाहिए। ताकि उन्हें एक सामान्य बचपन मिल सके और हर बच्चे के चेहरे पर मुस्कान बिखर सके। 

लेखिका : उषा पटेल

छत्तीसगढ़, दुर्ग


कविता – लो बसंत का मौसम आया

कविता- हार कर भी जीत जाना है

नारी के रूप अनेक

मनमोहक कहानी

“सफेद झूठ” गोरे होने की चाह में फेयरनेस क्रीम का इस्तेमाल कितना सही कितना गलत

सफेद झूठ फेयरनेस क्रीम

लड़की गोरी नहीं तो शादी नहीं होगी ?

गोरी नहीं है इसलिए नौकरी नहीं मिली ?

बॉयफ्रेंड नहीं है क्योंकि वो गोरी नहीं है ?

बॉडी तो है पर लड़का गोरा नहीं है इसलिए कोई भी लड़की दोस्त नहीं है ?

और फिर अचानक से उनका कोई दोस्त उन्हें एक ” फेयरनेस क्रीम” दे देते हैं और उसको लगाते हैं शादी भी हो जाती है, नौकरी भी मिल जाती है, लड़कों के पास लड़कियों के दोस्ती की लंबी लाइन लग जाती है,

सब कुछ संभव हो जाता है वो भी बस, एक गोरा करने वाली क्रीम से ……..

क्या आप जानते हैं भारत में रंग रूप को लेकर कितना बड़ा भेदभाव किया जाता है, खासकर लड़कियों के साथ, जिसके कारण मन में बचपन से ही हीन भावना भर दी जाती है ।और उसका फायदा उठाते हैं यह ठगी कंपनी जो गोरा करने वाली क्रीम का इस तरीके से विज्ञापन बनाते हैं कि हर कोई उस के माया जाल में फंस जाता है। और आपको ये जानकर बड़ी हैरानी होगी कि सबसे ज्यादा भारत में फेयरनेस क्रीम की डिमांड रहती है।एक गरीब से लेकर अमीर तक इसके मोह माया के जाल से अछूता नहीं है।अभी हाल ही में एक फेयरनेस क्रीम ने अपना नाम भी चेंज किया है क्योंकि उस पर यह आरोप लगा था कि ऐसा कुछ नहीं होता और क्रीम को लगाने से कोई भी गोरा नहीं होता तो ये धोखा क्यों?

जिसके बाद उस कंपनी ने अपना नाम बदल लिया…

और आपको यह जानकर हैरानी होगी की वही कंपनी 2023 में लगभग 5000 करोड़ का सालाना टर्नओवर ले लेगी एक सर्वे के अनुसार यह बताया गया है। तो आप सोच सकते हैं कि यह तो सिर्फ एक कंपनी की बात है, और भारत में तो ऐसी तमाम कंपनी भरी है

पुरुषों में भी विज्ञापनों को देख देखकर इतनी ज्यादा हीन भावना बढ़ती गई कि उन्हें भी अब गोरा होने वाली क्रीम का सहारा लेना पड़ा ।

कहते हैं उनमें से ही एक कंपनी पर एक लड़के ने मानहानि का दावा कर दिया था।

जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर उस कंपनी ने उस लड़के को कुछ मुआवजा दिया।

अब आप समझ जाएंगे कि भारत में लोग किस कदर गोरे होने के लिए बिना उसके नुकसान को जाने बस विज्ञापनों को देखकर और उस विज्ञापन में काम करने वाले अभिनेता और अभिनेत्रियों को देखकर अंधा विश्वास कर लेते हैं।

कुछ कंपनियों के विज्ञापन तो इतनी जल्दी-जल्दी टीवी पर आते हैं कि वो सबकी जुबान में रट जाते हैं और फिर लोग उन फेयरनेस क्रीम के आदि हो जाते हैं।

फेयरनेस क्रीम के नुकसान :- सबसे बड़ा तो आपका पैसे का नुकसान है,

स्किन एलर्जी हो सकती है।

चेहरे पर दाने, एक्ने, झाइयाँ हो सकती हैं या बढ़ सकती हैं।

कई लोग बिना एक्सपायरी डेट देखें इनका इस्तेमाल करते हैं जो कि और भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है आपकी त्वचा के लिए।

अगर आपकी स्किन बहुत ज्यादा सेंसिटिव है तो बहुत अधिक फेयरनेस क्रीम का इस्तेमाल आपको स्किन कैंसर का शिकार भी बना सकता है।

तो दोस्तों ख़ूबसूरत त्वचा तो हर कोई पाना चाहता है पर इसका बिल्कुल ये मतलब नहीं है कि आप ऑंख बंद करके किसी भी फेयरनेस क्रीम पर भरोसा कर ले,

” हर रंग खूबसूरत है, जरूरत है तो खूबसूरत ऑंखों की जो वो ख़ूबसूरती देख सके”।

लेखिका: सीता वोरा

पांवटा साहिब,  हिमाचल प्रदेश

नारी

कद्र करना सिखा दिया – कोरोना का समय

मुस्कान

आधुनिक गाॅंव….एक कहानी

कविता – लो बसंत का मौसम आया

Usha Patel

संघर्ष कर

प्रेरणादायक विचार

बसंत तुम संग,

आयी है छटा बिखेरे,

मधुरस सरसों के फूल में,

फिर अमृत बोली बोल रही,

कोयलिया बगिया के आड़ से,

एक डाल पर बैठी गौरैया के,

कानों में कुछ कहना है,

ऋतु प्रेम की फिर ओढ़कर,

तुम संग गगन में वासंती होना है,

पिघल रही कसक तन की,

आयी है मौसम मनभावन,

राग उत्सव की गा रहें,

फिर चला है चाँद घर ऑंगन,

देखो उठ रही मधुमाती सुगंध,

अमवा के मोजर से,

फिर मन प्रीत जगे है,

रत जगे महुआ के डाल से,

उमड़ घुमड़ को निकल पड़े है,

युगल गंगा की घाट पर,

फिर देखो सज रहा बसंत,

नव अंकुरित फूलों की चाह पर,

ऋतु प्रेम की फिर ओढ़कर,

तुम संग गगन में वासंती होना है।।

कविता – किताबों की दुनिया

कुछ लोगों को संभाल कर रखो किताबों की तरह,

जिनमें मुसीबत के वक़्त जिंदगी के उत्तर ढूंढ सको,

जो अंधेरी रात में एक टिमटिमाते दीपक की तरह,

फिर रोशन कर सकें तुम्हारे सब ओझल रास्तों को,

तेरे उदास दिल के सामने खोल दें पेज मुहब्बत के,

जो तुम्हारे अंतर्मन में दो लफ्ज़ प्यार के घोल दें,

तुम्हारी ख़ामोशियों की जो नई आवाज़ बन सके,

तुम्हारी तन्हाइयों के रुदन में नया साज बन सके,

जो तुम्हारे दुःख में घुल सके, एक नई प्रेरणा की तरह,

जिससे संबंध हो जैसे, शरीर और आत्मा की तरह,

कुछ लोगों को संभालकर रखो किताबों की तरह,

जिनमें मुसीबत के वक़्त जिंदगी के उत्तर ढूंढ सको। 

लेखिका : उषा पटेल

छत्तीसगढ़, दुर्ग


कविता – तुम उस अनश्वर प्रेम रंग में रंगे रहो

कविता – अधूरी कहानीयाॅं एक हास्य-व्यंग्य

यह कहानी इनोसेंट प्यार वाले उम्र की है, जैसे कि हर साल सेक्शन सफल होते हैं वैसे ही इस साल हुआ, गौरव और रिया दोनों को पांचवी कक्षा में एक ही सेक्शन मिला।

दोनों पढ़ाई में बेहद अच्छे थे,

टीचर के दोनों फेवरेट्स बच्चे थे,

पहली नज़र में ही गौरव को प्यार हो गया, 

जिससे उसका सीना तोड़ फरार हो गया, 

मगर रिया को उससे कोई मतलब नहीं था,

उसका इंटरेस्ट केवल एग्जामिनेशन में पहला पोजीशन लाना था,

फिर एक दिन दोनों को टीचर ने एक साथ बैठाया,

मानों गौरव के साथ ख़ुद भगवान बैठा था,

मगर बेचारा कुछ बयां ना कर पाया, 

वह ना ही इतना हिम्मत वाला था,

हर रोज़ पढ़ाई छोड़ बस उसे निहारता गया,

और धीरे-धीरे दिल अपना हारता गया, 

बड़ी कोशिश करता था पर पढ़ाई में मन किधर लग पाता था,

टीचर्स के सामने उड़ाया कागज़ का प्लेन जब,

रिया से जा टकराया था,

टीचर्स के डाॅंट से तब वह कहाॅं बच पाया था

दिन गुजरता गया, महीने बीतते गए, 

पर वह किधर कुछ कह पाया था,

बेचारा प्यार के चक्कर में सबसे अलग डाॅंट खाया,

ऐसे ही गुज़र गए साल और एग्जाम हुई, 

वह तो कर गई टॉप, जनाब 40 पर नीलाम हुए, 

घर पर पड़ी डाॅंट स्कूल छोड़ बोर्डिंग भिजवा गया,

ठान लिए भाई साहब अब प्यार छोड़ पढ़ाई पर ध्यान लगाएंगे,

नई कक्षा, पहला दिन, ठान के गए की पढ़ाई पर ध्यान लगाएंगे,

उसकी प्यारी भोली सी सूरत से नजरें हटा अब किताबों पर टिकाएंगे,

अगला दिन था क्लास का, नज़र ना आई उसकी सूरत,

पूछा उसके दोस्तों से तो हाथ आई नई ख़बर, 

हुआ ट्रांसफर उसके पापा का, बदल लिया स्कूल,

बस उसी वक़्त रोक अपने ऑंसू को कर लिया खुद को पढ़ाई में मशगूल,

अब बहुत साल हो गए पूरा हुआ स्कूल,

दोबारा कभी उससे मुलाकात ना हुई, 

काम में मशरूफ गौरव मियां की दोबारा तो ख्यालों में भी बात ना हुई,

बस अब कभी खोले जनाब किताबे तो वह उसकी याद दिला जाती है,

जब याद वह आती है मस्तिष्क, ह्रदय उसका सब हिला जाती है,

थोड़ी फ़िल्मी लगी होगी कहानी, क्योंकि वह ऐसा ही दौर था,

बाहें खोल शाहरुख़ प्यार फैलाता चारों ओर था।।

लेखक: जसजोत सिंह

दिल्ली

प्रेरणादायक विचार

ड्राई हेयर को सिल्की करने के टिप्स

कविता – तुम उस अनश्वर प्रेम रंग में रंगे रहो

प्यार की कोई सीमा नहीं

कभी बेरंग न हो सके , तुम उस अनश्वर प्रेम रंग में रंगे रहो, 

दोस्तों को ही सिर्फ क्या, तुम अपने दुश्मनों को अपना कहो। 

नफरत की भावनाएँ जो उनके दिलों में तुम्हारे लिए पनपती है, 

देखना एक दिन वो भी बेइंतहा मुहब्बत में बदल जायेगी। 

जीवन में तुम्हारे हर वक़्त सिर्फ खुशियों की ही सौगातें आयेगी। 

चहुँ ओर तुम्हारे उदासी के जगह रौनक ही रौनक छा जायेगी। 

वो हर लम्हा, हर पल यादगार और सुनहरा पल  कहलायेगा, 

जब तुम हर परिस्थितियों में सबका साथ उसका निभायेगा। 

कभी बेरंग न हो सके , तुम उस अनश्वर प्रेम रंग में रंगे रहो, 

दोस्तों को ही सिर्फ क्या, तुम अपने दुश्मनों को अपना कहो ।

कविता – माँ का वात्सल्य

कविता – प्यार की कोई सीमा नहीं

प्यार की कोई सीमा नहीं है, 

यह अनंत आकाश की तरह है

जिसका कोई ओर- छोर नहीं है। 

यह बहता पवन की तरह है,

जिसे किसी भी तरह के बंधन में

कभी नहीं बांधा जा सकता है। 

यह निर्मल जल की तरह है, 

जो स्वयं में समाहित करके

सबके अस्तित्व को हमेशा

के लिए ही स्वच्छ बना देती है। 

यह धधकती अग्नि की तरह है, 

जो प्राणियों के अंत:करण में 

छिपी हुयी समस्त बुराईयों का

नाश कर अच्छाई का प्रदीप्त 

प्रकाश प्रज्वलित करती है। 

यह दोमट मिट्टी की तरह है, 

जो किसी भी रिश्तों में आयी 

छोटी सी दरार को भी 

विश्वास के साथ भर देती है।

प्यार की कोई सीमा नहीं है।

लेखिका: आरती कुमारी अट्ठघरा ( मून)

नालंदा, बिहार

बनावटी रिश्तों की सच्चाई

ड्राई हेयर को सिल्की करने के टिप्स

उषा पटेल

स्टाइलिंग टूल्स या कलरिंग से स्टाइल

किए केशों की बात ही अलग है! जहाॅं

केश सिल्की, कर्ली व कलरफुल 

हुए नहीं कि चलने का तौर-तरीका

बदला और पर्सनालिटी में आई

स्मार्टनेस! अब यही कॉन्फिडेंस

आप भी पा सकती हैं हर दिन, हर

समय! बस उन की केयर के लिए

निकालिए थोड़ा सा टाइम! आइए

जाने कैसे :

संकट के बादल छंट जाएंगे

               सिल्की व शाइनी हेयर

      🛑 केशों को धोने से 30 मिनट पहले जैतून या नारियल के तेल से मसाज करें! 

      🛑 केशों को हमेशा माइल्ड शैंपू कंडीशनर से ही धोएं! 

      🛑 कंडीशनर केवल केशों के सिरो पर ही लगाए! 

      🛑 धोने के बाद केशों को स्वभाविक रूप से सुखने दे! उन्हें रोजाना ब्लो ड्राई कर के न सुखाएं! 

      🛑 शैंपू या कोई भी हेयर प्रोडक्ट लगाते समय उसे पहले हाथों पर मले! फिर केशों में लगाएं! 

     🛑 केश जरूरत से ज्यादा ऑयली हो तो दिन भर में 2 बार ही कंगी करें! 

     🛑 केश बहुत ड्राई या घुंघराले हों तो ऑयल मसाज जरूर करें! क्योंकि रफ़ व घुंघराले केश धोने के बाद जल्दी उलझ जाते हैं! 

      🛑  कोई भी हेयरस्टाइल बनाने के बाद ज्यादा देर तक टिका रहें, इस के लिए स्टाइल बनाने के बाद उस पर हेयर स्प्रे कर लें और ब्लो ड्रायर से ठंडी हवा ब्लो करें! इसके अलावा मूज या जैल भी प्रयोग कर सकती हैं! 

     🛑 अल्कोहलयुक्त हेयर प्रोडक्ट्स इस्तेमाल न करें! 

     🛑 एक साइड से मांग निकालने के बजाय दूसरी साइड से भी मांग निकालें या ऊपर की और उठाकर केशों को सेट करें! 

     🛑 केशों को हाईलाइट करने के लिए चेहरे के आसपास के केशों को कलर कराएं! हाई लाइट हमेशा केशों को ऊपरी तरफ से करने के बजाय अंधरुनी तरफ से करें! 

     🛑 हेयर कलर लगाने से पहले माथे और कनपटियों के आस पास पेट्रोलियम जैली लगा लें! 

      🛑 केश छोटे हों या बडे, माह में 1 बार ट्रिमिंग जरूर कराएं! 

      🛑 सोने से पूर्व भी केशों में कंगी कर के व खुला छोड़ कर सोएं! अगर बांधती हों तो हल्का ढीला बांधे! 

     🛑 केशों को रूखा और बेजान होने से रोकने के लिए लीव इन कंडीशनर प्रयोग में लाएं! 

      🛑 डेंड्रफ या अन्य कोई स्केल्प इंफेक्शन न हो, इस के लिए अपना टावल, कंगी, तकिया आदि क्लीन रखें! 

      🛑 हेयर कलर केशों को शाइन, वाल्यूम देते हैं! इसलिए हेयर

एक्सपर्ट से यह सलाह अवश्य लें कि कौन सा कलर आप को ज्यादा सूट करेगा! 

तो दोस्तों आप भी ये करके देखिए और पाएं शाइनी व सिल्की हेयर….! 

मैं उषा पटेल अपनी दूसरी ब्लॉग में और ब्यूटी टिप्स के साथ आऊंगी।।

Beautician – Usha Patel

Chhattisgarh (C.G)

किसान आंदोलन – हक की लड़ाई

पार्लर में पेडीक्योर कैसे करते हैं

पेडीक्योर

हैलो दोस्तों में हूॅं उषा पटेल ब्यूटीशियनस आपको बताने जा रही हूॅं पार्लर में पेडीक्योर कैसे करते हैं?

आप ज्यादातर अपने चेहरे की खूबसूरती पर ध्यान देते होंगे! 

लेकिन एक नजर जरा अपने पैरों पर भी डालिए! 

ठंड आ गयी है, अपने पैरों पर भी ध्यान देना शुरू कर दीजिए! 

इसके लिए जरूरी है कि महीने में एक बार पैडिक्योर ज़रूर करवाएं! आप घर बैठे भी ख़ुद से पैडिक्योर कर सकते हैं! 

तो चलिए फिर आपके पैरों को खूबसूरत बनाने का काम शुरू करते है…! 

पैड़ीक्योर क्या होता है….. 

पैडिक्योर पंजों, पैरों, और नाखूनों के लिए एक ब्यूटी ट्रीटमेंट

है! पैडिक्योर करवाने के बाद आपके पैर और पंजे बिल्कुल साफ

और कोमल हो जाते हैं! पैडिक्योर में एड़ियों पर भी स्क्रब किया जाता है, जिससे वहाॅं की मृत कोशिकाएं साफ हो जाती है! 

पुरुष और महिला दोनों के लिए उपलब्ध होता है..! 

घर पर करें पैडिक्योर….. 

स्टेप 1 – पैडिक्योर शुरू करने के पहले

नेलपेंट को रिमूवर से अच्छी तरह से

साफ़ कर लें और फिर नेल्स की

फाइलिंग और ट्रिमिंग कर लें..! 

स्टेप 2 – एक टब में गुनगुना

पानी लें! इसमें एक- चौथाई कप

नमक, एक नींबू का रस और बॉडी

वॉश या शैंपू मिलाएं! पैरों को इसमें

डुबोने से पहले शहद से पैरों की

मालिश करें! इसके बाद पैरों को

इसमें 10 से 15 मिनट तक डुबोकर

रखें! इसके बाद साफ़ तौलिए से पैरों

को अच्छी तरह से पोंछ लें! 

स्टेप 3 – पैर नरम हो जाने के

बाद एड़ी की मृत त्वचा को हटाने

के लिए प्यूमिक स्टोन पर थोड़ा सा

शैंपू लगाएं और एड़ियों पर रगड़े! 

प्यूमिक स्टोन नहीं है तो इसकी जगह

पुराने टूथब्रश का भी इस्तेमाल कर

सकती है…! 

स्टेप 4- इसके बाद क्यूटिकल्स 

की सफाई करें! इसके लिए नारियल

तेल और ग्लिसरीन मिलाकर पैरों की

मालिश करें और क्यूटिकल पुशर की

मदद से इन्हें साफ़ करें! पैरों से टैनिंग

हटाने के लिए एक नींबू के स्लाइस को पैरों व नाखूनों पर रगड़े! 

टैनिंग हटने के साथ- साथ पीले पड़ चुके नाखून भी साफ़ होंगे! 

होंठो पर लिपस्‍टिक लंबे समय तक टिका कर रखने के टिप्‍स

स्टेप 5 – अब पैरों को एक अच्छे स्क्रब से करीब दस मिनट तक मसाज करें! चाहें तो होम मेड स्क्रब भी बना सकती है! इसके लिए एक चम्मच नींबू, दो चम्मच शक्कर और आधा चम्मच जैतून

का तेल मिलाकर पैरों को स्क्रब करें! इसके बाद पानी से धो लें और साफ़ तौलिए से पैरों को पोंछ लें…! 

स्टेप 6 – अब पैरों की मसाज करें! इसके लिए तीन

चम्मच गुनगुने नारियल तेल से तीन मिनट तक पैरों की मसाज करें फिर पैरों को गुनगुने पानी में डूबे तौलिए में पांच मिनट के लिए लपेटें! इससे पैर मुलायम होंगे और अतिरिक्त तेल निकल जाएगा! 

स्टेप 7- अब आखिर में नाखूनों पर अपनी पसंद का नेल कलर लगाएं! नेलपेंट लगाने से पहले और बाद में बेस कोट लगाना न भूलें! इससे नेलपेंट लम्बे समय के लिए टिका रहता है!

पैडिक्योर करने से न सिर्फ़ पैरों के पंजे, नाखूनों और उंगलियाॅं साफ़ होती हैं, बल्कि ये पैरों और एड़ियों को मुलायम रखने में भी

मददगार होता है! साथ ही यह पैरों से दाग – धब्बे मिटाने में भी कारगर है! 

   तो दोस्तों ठंड में घर पर करें पैडिक्योर..

उषा पटेल

Beautician – Usha Patel

Chhattisgarh (C.G)

कहानी – जादुई डायरी

कविता – नए भारत का निर्माण

नए भारत का निर्माण

एक सपना जो हर किसी भारतीय के आँख में पल रहा है

एक नए भारत का निर्माण करना जहाँ किसी भी जात – पात का भेदभाव ना हो , जहाँ सभी हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्मों के लोग एक साथ मिलकर रहें।

राजनीति जाति, धर्म ,आरक्षण के नाम पर नहीं बल्कि विकास के नाम पर हो, सुरक्षा के नाम पर हो ,रोजगार के नाम पर हो ,जहाँ सबका विकास हो ,जहाँ हर गाँव और शहर एक समान हो जहाँ हर नारी सुरक्षित हो, जहाँ हर बच्चे को शिक्षा मिले, जहाँ स्वास्थ्य सुविधा हर वक्त उपलब्ध हो।

कोई बेरोज़गारी ना हो, कोई भूख से दम ना तोड़ दे …

एक ऐसे नए भारत का निर्माण करना है हमें मिलकर जहाँ

शिक्षा का स्तर सुधरे और प्रत्येक भारतीय को शिक्षा, स्वास्थ्य ,रोजगार ,भोजन ,आवास की सुविधा मिल पाए आत्मनिर्भर भारत का सपना – सपना ही बनकर ना रह जाए।

धीरे-धीरे ही सही मिलकर प्रयास करेंगे भारत के नींव को और मजबूत बनाएंगे।

विश्व पलट पर तिरंगे को और ऊंचा फहराएंगे उससे पहले ये ओछी राजनीति को दूर भगाएंगे। कोई किसान फिर कर्जे के कारण आत्महत्या ना कर ले , काश ऐसा हो जो अन्नदाता कहलाता है उसके बच्चे कभी भूखे ना सोए बहुत जरूरी है ये सब कुछ सोचना, बदलाव लाना और एक नए भारत का पुनर्निर्माण करना।

“एक नया बदलाव लाना है “

कलम की ताकत का सबको एहसास कराना है,

नित सकारात्मक लेखनी से विचारों में एक नया बदलाव लाना है।

जाति धर्म का भेद मिटा कर फिर अखंड भारत का निर्माण करना है,

तोड़ बेड़ियाँ संकुचित विचारधारा की उन्मुक्त गगन में उड़ना है।

“वसुधैव कुटुम्बकम्” को मिलकर फिर से परिभाषित करना है,

पूरब ,पश्चिम ,उत्तर ,दक्षिण सभी दिशाओं में भारत को अग्रषित करना है।

खो रही इंसानियत को पुनः सभी इंसानों में जीवित करना है,

एकजुट हो सब बड़े संग – साथ एक ऐसी कड़ी को निर्मित करना है।

दूर हो भ्रष्टाचार भारत से कुछ ऐसा मिलकर प्रयास करना है,

सत्य, अहिंसा, सदाचार, परोपकार का हम सबको मिलकर पालन करना है।

गाँव हो या शहर मिलकर सबका विकास करना है,

भोजन, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार मिले सबको कुछ ऐसा बदलाव करना है।

हर बेटी रहें सुरक्षित जहाँ एक ऐसे समाज का निर्माण करना है,

तुम और मैं मिलकर बन जाएं “हम” चलो मिलकर एक सशक्त भारत का निर्माण करना है।।

लेखिका: सीता वोरा

कविता – माँ का वात्सल्य

माँ का वात्सल्य

बनना  पड़ता है एक माँ को भी कभी – कभी पत्थरदिल,

ताकि अपने संतानों में मजबूती के साथ सत्संस्कार  रूपी पौधे को रोप दे, 

भावी जीवन के सुनहरे सफ़र के लिए कुछ  कर्तव्य , आवश्यक कार्य सिखा सके,

कोई कभी भी उसके संतानों के आत्म सम्मान को ठेस ना पहुँचा सके , 

उसे मिली है जो परवरिश उस पर कोई कभी भी उंगली ना उठा सके,

एक माँ के लिए यह कार्य आसान नहीं कभी होता है,

अपने संतान को तकलीफ़ में देख उसका दिल बहुत रोता है।

कविता – नारी के रूप अनेक

कविता- वो एक मिनट

याद भी नहीं होगा उसे तो, 

वो एक मिनट जब गोद में, 

पहली बार वो मेरी आया था।

सारी दुनिया को सिमटाकर वो, 

मेरी सम्पूर्ण ज़िंदगी की, 

आस कहलाया था।

जिन नन्हीं-नन्हीं, 

उंगलियों को थाम, 

मैंने मातृत्व का, 

सुखद एहसास पाया था।

खुश थी देखकर, 

जब समय के साथ, 

मैंने उसे दृढ़ता से, 

चलता हुआ पाया था।

आज वही बेटा, 

मेरा हाथ थाम, 

वृद्धाश्रम मुझे, 

सदा के लिए,

छोड़ने आया था।

लेखिका:  प्रिया कुमारी 

फरीदाबाद

कविता — देखा है मैने 

देखा है मैने कुछ लोगों को,

अजनबियों की खुशी के लिए ,

उनके सुख और भलाई के लिए, 

अपने अस्तित्व को ही दाँव पर लगाते।

बिल्कुल मोमबत्ती की ही तरह,

जो स्वयं की फिक्र किये बिना, 

अपने खून का एक – एक कतरा,

निस्वार्थ भाव से  खर्च कर देते हैं।

गम के काले घने अंधकार को मिटाने के लिए, 

उनके जीवन में नव – आशा से भरी,

 बसंत – बहार लाने के लिए,

 हमेशा – हमेशा के लिए  छोड़ देते हैं,

उनके सुनहरे यादों में मौजूदगी अपनी,

अच्छाई और सच्चाई की।

कविता — हर क़दम पे मुश्किल

जीवन के हर एक कदम पे मुश्किल तो आकर खड़ी हो ही जाती है, 

लेकिन रहता संग जब अपनों का साथ, तब जीत बड़ी हो जाती है। 

अपनों का साथ हमेशा ही अंतर्मन को बहुत सूकून दे जाता है, 

हृदय की गहराइयों में उठते भय रुपी पीर को हर ले जाता है। 

स्वयं की शक्तियों पर किये गये विश्वास का दायरा बढ़ जाता है, 

निराशा के अंधेरे में उम्मीद का प्रकाश अपनी परवान चढ़ जाता है । 

अपने बुलंद हौसले के संग निडर हो सफर में आगे तभी बढ़ पाता हैं,

करके अथक मेहनत आखिर में वही सच्ची कामयाबी को पाता हैं।

लेखिका: आरती कुमारी अट्ठघरा ( मून)

नालंदा, बिहार

Beauty And Cosmetics tips

होंठो पर लिपस्‍टिक लंबे समय तक टिका कर रखने के टिप्‍स

Lipsticks

लिपस्टिक को लंबे समय तक लगाए रखने

के लिए बार-बार इसके कोट लगाने से होंठ 

खराब होते है और  लिपस्टिक भी अच्छी नहीं

दिखती। कोट लगाने के बजाय कुछ उपाय

आजमा सकती है। 

आइए जानते है….. 

   लिपस्टिक मेकअप में बेहद अहम है। 

इसके बिना मेकअप पूरा हो ही

नहीं सकता। लेकिन महिलाओं की अधिकतर

ये शिकायत होती है कि वे कितने ही अच्छे

ब्रांड की लिपस्टिक ख़रीद लें वो अधिक समय

तक टिकती नहीं है। यदि आपकी भी यही

शिकायत है तो इन उपायों को आजमाकर

देख लीजिए। 

      ❣ नमी का आधार रहें….. 

लिपस्टिक लगाने से पहले स्क्रबिंग

कर लें। इससे फटे होंठ भी मुलायम बनेंगे और

मृत त्वचा भी निकल जाएगी। इसके बाद होंठो

को साफ करके लिप बाम या मोईश्चराइजर 

लगा लें। अब लिपस्टिक लगाएं, इससे 

लिपस्टिक ज्यादा देर तक टिकेगी। एक या दो कोट

अपने मुताबिक लगा सकती है। 

     ❣ लिप लाइनर….. 

लिप लाइनर हमेशा लगाएं। ये

लिपस्टिक को होंठ के बाहर जाने से रोकते

है और इससे लिपस्टिक टिकी भी रहती है। 

आउटर लाइन के अलावा पूरे होंठो पर भी

लाइनर को लगाएं इसके उपर लिपस्टिक

लगा सकते है। इससे लिपस्टिक जमी रहेगी

और फैलेगी भी नहीं। 

     ❣ ब्रश का इस्तेमाल….. 

लिपस्टिक को लगाने का सही तरीका

ब्रश से ही होता है। इससे लिपस्टिक अच्छी

तरह से होंठ पर लगती है। और लंबे समय तक

बनी रहती है। ब्रश से लगाने पर शेप भी बढ़िया

आता है। इसलिए लिपस्टिक यदि स्टिक

वाली भी है तो उसे ब्रश से लगा सकते है। 

     ❣ लिप प्राइमर लगाएं…… 

   आजकल लिप प्राइमर भी काफी

पसंद किए जाते है। इन्हें लगाने से लिपस्टिक

का रंग भी खिलकर दिखता है और होंठ

भी ताजगी भरे दिखते हैं। इसके साथ ही ये

लिपस्टिक को अधिक समय तक रोककर

रखता है। ये आसानी से बाज़ार में उपलब्ध हैं। 

      ❣ फ्रीज़ में रखें…… 

    सौंदर्य उत्पादों को फ्रीज़ में रखना

चाहिए। इससे ये लंबे समय तक चलते है। 

यदि पहले से रख नहीं पाई है तो लिपस्टिक

को लगाने से पहले कुछ देर के लिए फ्रीज़ में

रख दें। इससे ये अधिक समय तक टिकेगी

और मैट फिनिश देगी। 

        ❣ ब्लोटिंग करें… 

  लिपस्टिक लंबे समय तक टिकी रहे

इसके लिए ब्लोटिंग बहुत जरूरी है। 

इसके लिए होंठ पर पहले टिशु पेपर रखे। 

फिर ब्रश पर कोई भी टेलकम पाउडर लगाकर

टिशु पेपर के उपर अच्छी तरह लगाएं, ताकि

पाउडर आपकी लिपस्टिक की एक्स्ट्रा शाइन

निकाल दें। और आपकी लिपस्टिक मैट नज़र आए। 

ऐसा करने से आपकी लिपस्टिक चाय के कप

या जूस के ग्लास पर नहीं चिपकेगी। और लंबे

समय तक टिकी रहेगी। 

    तो दोस्तों I hope आपको पसंद आए। 

       धन्यवाद 🙏

Beautician: Usha Patel
Chhattisgarh, Durg

कुछ साथी सफ़र में छूट गए