हरिवंश राय बच्चन- कुछ करना है तो डट कर चल


इन पंक्तियों के लेखक हरिवंश राय का जन्म 27 नवंबर 1907 को इलाहाबाद के नज़दीक प्रतापगढ़ जिले के एक छोटे से गाँव पट्टी में हुआ.
घर में प्यार से उन्हें ‘बच्चन’ कह कर पुकारा जाता था। आगे चल कर यही उपनाम विश्व भर में प्रसिद्ध हुआ। साहित्य में योगदान के लिए प्रतिष्ठित सरस्वती सम्मान, उत्तर प्रदेश सरकार का यश भारती सम्मान, सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार से भी वे नवाज़े गए। लेखक हरिवंश राय बच्चन को 1976 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
कविता की लोकप्रियता का प्रधान कारण उसकी सहजता और संवेदनशील सरलता है उन्होंने साहस और सत्यता के साथ सीधी-सादी भाषा और शैली में सहज ही कल्पनाशीलता और सामान्य बिम्बों से सजा-सँवार कर अपने नये गीत हिन्दी जगत को भेंट किये। हिन्दी जगत ने उत्साह से उनका स्वागत किया।
सामान्य बोलचाल की भाषा को काव्य भाषा की गरिमा प्रदान करने का श्रेय निश्चय ही सर्वाधिक ‘हरिवंश राय बच्चन’ का ही है।
“कुछ करना है तो डट कर चल” इस कविता को लोगों ने बेहद पसंद किया था। आज भी इस कविता को लोग बेहद पसंद करते हैं।

नवरात्रि पर कविता

नवरात्र में माँ दुर्गा की कविता

नारी हर घर की शोभा है तू

श्री हरिवंश राय बच्चन की रचनाएं 

हरिवंश राय बच्चन जी के बारे में –

श्री हरिवंश राय बच्चन जी का जन्म 27 नवम्बर 1907 को इलाहबाद के पास प्रतापगढ़ जिले के एक गांव पट्टी में हुआ था। उन्होंने 1938 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य से एम. ए. किया। उसके बाद 1952 तक इलाहबाद विश्विद्यालय में प्रवक्ता रहे। हरिवंश राय बच्चन जी हिंदी साहित्य के वो जगमगाते सितारे हैं जिनकी चमक कभी कम नहीं हो सकती। 1976 में उन्हें पदमभिभूषण की उपाधि से सम्मानित किया गया। हरिवंश राय बच्चन जी के सुपुत्र अमिताभ बच्चन जी को कौन नहीं जनता। आज भी अमिताभ बच्चन जी अपनी पिता की कविताएं गाते हुए भावुक हो जाते हैं। 18 जनुअरी 2003 को मुंबई में उनका निधन हो गया। उनकी कई कविताएं और रचनाएँ तो आज भी साहित्य प्रेमियों के दिल में घर कर जाती हैं जिसमें – मधुबाला, मधुकलश, सतरंगीनी , एकांत संगीत , निशा निमंत्रण, विकल विश्व, खादी के फूल , सूत की माला, मिलन दो चट्टानें भारती और अंगारे इत्यादि हैं।

आज मुलाकात हुई 

जाती हुई उम्र से मेरी 

कहा जरा ठहरो तुम 

वह हंसकर इठलाते हुए बोली

 मैं उम्र हूं ठहरती नहीं 

पाना चाहते हो मुझको 

तो मेरे हर कदम के संग चल,

मैंने भी मुस्कुराते हुए कह दिया 

कैसे चलू मैं बनकर तेरा हम क़दम,

तेरे संग चलने पर,

 मुझको छोड़ना होगा, 

मेरा बचपन 

मेरी नादानी 

मेरा लड़कपन 

तू ही बता दे 

कैसे समझदारी की दुनिया अपना लूं,

जहां है….

नफरतें 

दूरियां 

शिकायतें 

और 

अकेलापन…

मैं तो दुनिया ए-चमन में 

बस एक मुसाफिर हूं….

गुज़रते वक्त के साथ 

एक दिन 

यूं ही गुज़र जाऊंगा….

क्या बात करें 

इस दुनिया की, 

हर शख्स के,

अपने अफसाने हैं,

जो सामने है 

उसे लोग बुरा कहते हैं, 

और जिसे कभी देखा ही नहीं, 

उसे सब ख़ुदा कहते हैं….

गिरना भी अच्छा है दोस्तों, 

औकात का पता चलता है, 

बढ़ते हैं जब हाथ उठाने को, 

अपनों का पता चलता है…..

सीख रहा हूं, 

अब मैं भी 

इंसानों को पढ़ने का हुनर, 

सुना है चेहरे पर,

 किताबों से ज्यादा 

 लिखा होता है…..

किसी ने बर्फ से पूछा,

कि आप इतने ठंडे क्यों हो,

बर्फ ने बड़ा अच्छा जवाब दिया,

मेरा अतीत भी पानी, 

मेरा भविष्य भी पानी,

 फिर गर्मी किस बात पे रखूं…..

हारना तब आवश्यक हो जाता है,

जब लड़ाई अपनों से हो, 

और जितना तब आवश्यक हो जाता है,

जब लड़ाई अपने आप से हो….

मंजिल मिले ये तो मुकद्दर की बात है, 

हम कोशिश ही ना करें,

ये तो ग़लत बात है….

रब ने नवाज़ा हमें 

 ज़िंदगी देकर 

और हम! 

सोहरत मांगते रह गए….

ज़िंदगी गुजार दी शौहरत के पीछे 

फिर जीने की 

मोहलत मांगते रह गए…..

ये समंदर भी 

तेरी तरह ख़ुदग़र्ज़ निकला,

ज़िंदा थे तो तैरने न दिया,

और मर गए तो डूबने न दिया ….


सफेद बालों को काला करने के घरेलू उपाय

कविता – पतंग हूँ मैं, दुनिया

कविता : खुशियों का दरवाज़ा

होली पर कविता

Holi image

कविता – रंगों की बौछार

आया होली का त्यौहार,

लाया रंगों की बौछार,

हंसी, खुशी सब त्यौहार मनाओ,

वैर- भाव सब दूर भगाओ।

खूब उड़ाओ रंगों को,

ये दुनिया हो सतरंगी,

और हम होकर रंग बिरंगी,

बन जाओ सबके मनरंगी।

ख़ुशी का रंग है सबसे न्यारा,

छुट ना जाये, कोई अंगना,

चाहे रंग छिड़क लो गुलाबी,

पिचकारियाँ ही उंडेल दो सारी।

आज ख़ुद को भिगो लो इन रंगों में, 

होली के रंगो में अलग ही ज़िन्दगी बसती है,

जी भर के जियो आज का यह दिन यारों,

होली के दिन तो अलग ही मस्ती झलकती है।

सब मिल गए आज देखो,

सब सने है रंगों के त्यौहार में,

हंसी, खुशी सब त्यौहार मनाओ,

वैर- भाव सब दूर भगाओ।

कविता – रंग बरसे

होली भारत का प्रसिद्ध त्यौहार है,

होली रंगो का हंसी- खुशी त्यौहार है,

रंग भरे दिन आए है, ऋतु में भी मादकता छायी है,

उषा- धरती आज रंगी है, इंद्र धनुष सी खुशियाँ लायी है,

गेहूँ की बाली इठलाने लगी, सरसों खिल उठती है,

आज धरती अपने रंगो से सजी हुई है,

चारों तरफ रंग बरसे, ढोल- मंजीरों की धुन बजती है,

गुझिया, नमकीन और ठंडाई से होता सबका स्वागत है,

नैनों की पिचकारियाँ, भावों के रंग है,

भीगे तन- मन आत्मा, होली का दस्तूर है,

नीला, पीला रंग गुलाबी, पिचकारी ने धूम मचाई,

मस्ती करती इतराती, सबके चेहरे पर खुशियाँ लाई,

आओ सब मिलकर मनाये होली का त्यौहार,

ख़ूबसूरत रंगो से रंग जाए हम सबका जीवन।।

लेखिका- उषा पटेल

छत्तीसगढ़, दुर्ग

Holi poem

rango ka tyohar Holi per Hindi kavita

दीपावली पर कविता

दीपक

|| शुभ दीपावली || 

दीपावली हिन्दुओं का एक प्रमुख पर्व है। 

अँधेरे पर प्रकाश की जीत का पर्व है। 

दीपावली का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। 

दीपावली खुशियों और रोशनी का पर्व है। 

दीपावली कईं त्यौहारों का समूह है। 

जिनमें धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज है। 

धनतेरस के दिन बर्तन खरीदा जाता है। 

तुलसी या घर के द्वार पर दीप जलाया जाता है। 

नरक चतुर्दशी के दिन यम का दीप जलाते है। 

गोवर्धन पूजा के दिन गाय- बैलों को सजाते है। 

भाई दूज पर बहन भाई को ,तिलक लगाकर मंगल कामना करती है।

दीपावली के दिन श्री राम के स्वागत में घी के दीप जलाते है। 

जगमग करते दीपक लगते कितने प्यारे है। 

मानो आज उतर आये, अंबर से धरती पर तारे है। 

दीप जलाएं हम वहाँ, जिस घर है अंधियार। 

ये सच कहते हम, हो जग में उजियार। 

खुशहाली का पर्व दीपावली, कर लो रूप निखार। 

रूप चाँदनी सा लगे, करता जब श्रुंगार। 

स्वच्छ बने वातावरण, हम सब करे प्रयास। 

हर इक मन से तम मिटे, हो हर ओर उजास। 

|| रंगोली ||

तरह तरह के रंगो से सजी, 

      बनी है रंगोली। 

दीपावली का त्यौहार ही कहाँ, 

      बिन रंगोली। 

रंग भरी अल्पना, घर आँगन सजी रंगोली। 

दीपों से सज धज, देखो जगमगायी रंगोली। 

रंगो की दुनिया कहूँ या कहूँ रंगोली। 

कितनी अजीब है ना इंद्रधनुषी रंगो में, 

    दिखती ये रंगोली। 

द्वार सजाती हर उत्सव पर, 

      प्यारी रंगोली। 

मन भावन पुनीत व पावन, 

     सजी रंगोली। 

अलग अलग रंगो के समूह है रंगोली। 

नेत्रों को देता खुशी, मन को भर देता

    प्रसन्न रंगोली। 

इसलिए घर के आँगन को रंगोली से सजा लेना। 

घर के द्वार को सजा देना बनाकर रंगोली। 

कविता – करवा चौथ


हिंदी कविता – हम दिल से हारे

 रिमझिम सावन पर कविता

💦💦सावन आया 💦💦

सबसे पावन मास आया है सावन,

सरस, सुरम्य और बड़ा मनभावन! 

मृदंग तान से जब गड़गड़ाएं, 

तीव्र वेग से जब बहे हवाएं, 

गूंज उठी जब सभी दिशाएँ,

मयूर नृत्य करने को चले आएं,

माटी की सौंधी खुशबू है छाई,

खिल उठी कलियाँ जो थी मुरझाई,

पंछियों की कलरव ध्वनि है सुनाई,

प्रकृति ने ली है फिर से अंगड़ाई,

ओढकर चादर हरियाली की, 

देखो सावन आया,

भक्ति और मस्ती का महिना आया, 

दिल को ठंडक देने बरसात आया, 

रिमझिम बदला लेकर, सावन आया,

आओ सखी झूला झूलें,

मिलकर गाये मनहर गीत,

नाचूं गाउँ सखिया संग, 

चारों ओर फैली है खुशियाँ,

सावन में जब आते भोले बाबा,

हर परेशानी हर मुसीबत कर लेती तौबा,

सब मंदिरों की बढ़ जाती शोभा,

सावन भी खुशी से झूम जाता,

देखो सावन आया, भक्ति का

और मस्ती का महिना आया। 

Usha Patel

🌺🌺सावन के महीने में शिव भक्ति 🌺🌺

सावन का है महीना पावन,

करे जो पूजा वर पावे मन भावन,

शिव कृपा बरसे मेघ समान,

सोमवार का व्रत करे, शिव को अपना मान। 

पहुँच रहे हैं काँवरिया अब,

बाबाजी के द्वार,

बम-बम भोले, बम- बम भोले, 

कर-कर के जयकार। 

सब मंदिरों की बढ़ जाती शोभा,

हर मंदिर में भक्तों का तांता,

सावन भी खुशी से झूम जाता,

हर नारी के मन को लुभाता।

कोई हरिद्वार जा रहा, 

तो कोई जा रहा काशी की ओर,

हर तरफ़ है खुशी ही खुशी, 

डमरू बज रहा चारो ओर।

सावन में होता शिव का श्रृंगार,

व्रत कथा पढ़कर करे सोलह सोमवार,

बेलपत्ता, धतूरा, भांग, फल चढ़े भरपूर,

दूध-दही, घी, शक्कर, शहद, से होता अभिषेक।

विश्व का कण-कण शिव मय है,

मन वांछित पूरी करें, शिव की भक्ति अपार,

जय भोले जय-जय शिव-शंकर,

हम बालक पर करो कृपा।

उषा पटेल

दुर्ग, 

छत्तीसगढ़

नवरात्रि पर कविता

Maa Durga

💫माता की आराधना💫

माँ तुमसे है ये जग सारा,

हृदय तुम्हारा सबसे प्यारा,

तुम जो लाड़ करो तो,

खुल जाएं खुशियों का पिटारा,

हर क्षण माँ तुम्हें पुकारूँ,

जब भी मन से मैं हारूँ,

तुम दया की सागर हो,

चरणों में तुम्हारे मेरा मस्तक हो,

मेरे घर में पधारो माता,

कर दो भक्तों का बेड़ा पार माता,

हम तो मुर्ख है बालक तेरे,

तुम ही हो करुणा निधान माता,

विजय शालिनी पाप विनाशनी माता,

नव शक्ति सिद्धिदात्री सुख दाता,

हमेशा मुझे संभाले रखना,

सदा कृपा बनाये रखना||

लेखिका- उषा पटेल

छत्तीसगढ़, दुर्ग

माता की आराधना और उपासना की कविता

कविता – नव वर्ष तुम्हारा अभिनन्दन

कविता – करवा चौथ

कविता – नव वर्ष तुम्हारा अभिनन्दन

Usha Patel

❣️❣️कविता – नव वर्ष तुम्हारा अभिनन्दन❣️❣️

नव वर्ष तुम्हारा अभिनन्दन

कर जोड़ तुम्हें करते वंदन

आना लेकर खुशियाँ तुम

न हो अब कहीं करुण क्रंदन

सर्व प्रथम माँ का अभिनंदन

जिसने जहाँ दिखाया

कोटि कोटि फिर गुरु को वंदन

कैसे जीना है, सिखाया..

गत वर्ष गया कभी खुशी कभी गम से

ये नया साल गुजरे सुख से

यही कामना करते मिलकर

सब खुश हो नव वर्ष तेरे रुख से

अभिनंदन हर उस व्यक्ति का

   जो जीवन में आया

गुण- अवगुण विश्लेषण करके

परिमार्जन विकल्प सुझाया

नव दिशा, नव दशा, नव कौशल

    यूँ मुझे सिखाया

जीवन युध्ध के हर हथियार से

    मुझको रूबरू कराया

आओ मिलकर सब

स्वागत में खुशी मनाएं

नव वर्ष 2023 की सभी को

हार्दिक शुभकामनाएं 🙏

🌺🌺कविता – नये साल की बेला पर 🌺🌺

ज़रा देखो दिसंबर जा रहा है

महीना जनवरी का आ रहा है

अंधेरी रात छटने को हुई जब

नया देखो सवेरा आ रहा है

नये साल की बेला पर झूम रहा संसार

हर माह बित गए, गए सारे त्यौहार

नया सवेरा, नयी किरण के साथ

मिट जाए ग़म उस ढलते चाँद के साथ

गुलों की शाख से खुशबु चुरा के लाया है

तुम्हारे वास्ते खुशी चुरा के लाया है

दस्तक दी है नये साल ने, बहोत से सपने लाया है

खुश रहो आप हमेशा इतनी दुआ लाया है

आओ बीते साल की यादों का जश्न मनाते है

नये साल की आने की खुशी मनाते है

हँसते मुस्कुराते रहो, खुशियों की हो धमाल

नई ऊंचाइयों को छू लो, आप हो जाए मालामाल

नये साल की शुरुआतों से, 

आपकी ज़िन्दगी भर जाये उजालों से..!! 

उषा पटेल

छत्तीसगढ़

Hindi Holi poem

होली का त्योहार कविता

करवा चौथ पर कविता

happy womens day poem

एपीजे अब्दुल कलाम जी के शब्दों से प्रेरित कुछ अनमोल विचार

कविता – करवा चौथ

सुहागिन के दिल का अरमान! 

मेरे माथे का चंदन हो तुम, 

सुहागी सिंदूर से बना, 

पवित्र बंधन हो तुम! 

मेरी हर इच्छा की पूर्ति का, 

मनमोहक समुंदर हो तुम! 

पिया ही तो है, मेरे खुशियों के संसार,

आज प्यारे पिया का है दीदार,

मेरे लिए तो रोज चाँद हो, 

फिर क्यों तेरा इंतज़ार हो! 

मेरी कल्पनाओं के सागर से, 

पल्लवित मेरे घर का आँगन हो तुम! 

मेहंदी रचे हाथ, सजे कंगन के साथ,

पूजा का थाल, और ले करवा हाथ,

सदा सुहागन का माँगे, चाँद से वरदान,

हर सुहागिन के दिल का ये अरमान! 

माता करवा से यही प्रार्थना करूँ,

और चंद्र को अर्ध्य अर्पित करूँ,

आज भी मेरे पति व्रत का, तपोवन हो तुम,

मेरे हृदय का क्रंदन हो तुम,

तुम्हारे लिए प्रिय, 

मैं निभाऊँ ये रीत

करवा चौथ पर चंदा से वर मांगू, 

हर जनम तुम ही बनो मेरे प्रीत! 

करवा चौथ

||  सिंदूर ||

 मांग में भरा लाल सिंदूर, प्रतिबिंब है पिया की परछाई का! 

ये रंग है दो अंजाने, लोगों को साथ में लाने का!! 

इसकी पवित्रता का मान, स्त्री रोज अपने माथे से लगाती है! 

प्रेम में विलीन होकर, ये सिंदूर रोज सजाती है!! 

जिम्मेदारियां है गर इसमें किलकारियां भी है प्यारी! 

मुश्क़िलों से लड़ने की हरदम तैयारियां भी है न्यारी!! 

इस एक रंग में छुपे हुए जीवन के रंग सभी प्यारे! 

इस चुटकी सिंदूर से भरता जीवन में रंग प्यारे!! 

स्त्री के अस्तित्व को निखार देते, वो पवित्र सिंदूर

सिंदूर के बिना हर श्रृंगार और हर एक स्त्री है अधूरी 

करवा चौथ (सदा सुहागन रहो) 

 माँग में भरकर सिंदूर, माँग टिका मैं लगाई

माथे सजी बिंदिया, कंगना भरी कलाई

व्रत रखकर चाँद से, माँगूँ आशिष विशाल

पुण्य घड़ी हुआ मिलन, बना जीवन निहाल

रचाई मेहंदी हाथों में, नाक नथनी लगाई

सज धज कर श्रृंगार आज मैं निखर आई

सदा सुहागन रहो का मांगती मैं चाँद से वरदान

जब तक साँस चले, सुहाग मेरा रहे सलामत

सजना का सजनी के लिए बेशुमार प्यार रहे

करवा माँ से करूँ प्रार्थना, सात जन्मों का साथ रहे

यही हमारी संस्कृति है, यही हमारी प्रकृति है

चाँद से करती हूँ मैं सभी सुहागन के लिए यही कामना

सबका सुहाग सलामत रहे, सदा सुहागन रहो तुम

Usha Patel

करवा चौथ – (सिंदूर बना रहे) 

मेरे होंठो पर बस तुम्हारा ही नाम रहे

तुमसे ही तो मेरे जीवन में आनंद रहे

करती हूँ करवा चौथ का व्रत, रहती हूँ भूखी- प्यासी

जिससे आपका प्यार सदा सलामत बना रहे

शाम को कर सोलह श्रृंगार, छलनी से करती साजन का दीदार

चाँद से करती हूँ कामना, मेरी माँग में सिंदूर बना रहे

मेरा साज- श्रृंगार सब साजन से है

मेरा घर और परिवार यूँ ही दमकता रहे

मेरे प्रिय पिलाए मुझे अधर सुधा जब, शर्म लाल होते रुखसार

ए चाँद! सातों जनम का साथ हमारा सदा बना रहे

💛💛💛करवा चौथ 💛💛💛

बड़ा प्यारा सा होता है, ये करवा चौथ त्यौहार

हिंदू धर्म का बहुत ही खास व्रत है ये करवा चौथ त्यौहार

रहती है वो पति के लिये भूखी- प्यासी

जिससे सदा सलामत बना रहे उसका प्यार

कितनी पवित्र होती है इनकी पति के प्रति चाहना

पति के नाम से कि जाती है, ईश्वर की आराधना

शाम को कर सोलह श्रृंगार, छलनी से करती साजन का दीदार

शर्म से लाल होते है तब सजनी के रुखसार

करती चाँद से पति की लंबी उम्र का वादा

करवे पर इतना बल, इनके प्रेम से उपज आता

प्रिय पिलाए सजनी को अधर सुधा जब

सातों जन्म के साथ का वर की चाँद से करती कामना तब

मेरा साज- श्रृंगार सब साजन से है

घर और परिवार सब साजन से है

उसके नाम से ही माँग भरती है वह, 

पिया की दीर्धायु के लिए करती है दुआ वह

प्यारा प्यार का त्यौहार यह करवा चौथ है

उषा पटेल

छत्तीसगढ़, दुर्ग

Poem on Barish

Rani kamalapati railway station

हिंदी कविता – हम दिल से हारे

❤हम दिल से हारे❤

प्यार तुम्हें हम बेहद करते है

तुम्हारे जाने से गुमसुम हो गए है

बस गई है तुम्हारी तस्वीर मेरे दिल में

ये तन्हा दिल तुम्हें याद कर के रोता है

शिकवा- शिकायतें करे भी तो किससे

कौन समझायें दिल को ये सुनता ही नहीं है

तन्हाई में दिल तुम्हें ही पुकारे

कितनी रातें बीत गयी, 

पर तुम बिन ये सोता नहीं है

हम दिल से हारे उसे समझा ना पाये

ये पागल दिल तुम्हारी याद में आँसू बहाता है

जाने वाले फिर वापस आते नहीं ये जानता है

फिर भी उनका इंतज़ार कर के दिन बिताता है

Usha Patel

❤प्यार जताना न आया ❤

वो इतने अच्छे लगे, उनका साथ हमेशा भाया है हमें,

प्यार करती रही पर प्यार करके भी जताना न आया हमें,

मेरी नजरों से नजरे मिलाकर भी वो पढ़ ना पाये मेरे प्यार को,

समझ न पाए मेरे दिल को कभी, 

प्यार उनका भी कभी नज़र न आया हमें,

प्यार वो भी तो करते है शायद पर हाथ बढ़ा न सके,

दिल के इतने पास होकर भी दिल का हाल सुनाना ना आया हमें,

जब भी वो मेरे सामने होते, हम शरमा जाते है,

न जाने क्यों दिल से दिल मिलाना ना आया हमें,

इज़हार करूँ भी तो कैसे, लब्ज़ ही ख़ामोश हो जाते है,

तुम मेरे होते हुए भी अपना बनाना ना आया हमें।।

लेखिका- उषा पटेल

छत्तीसगढ़, दुर्ग

Happy Holi

माँ बेटी के रिश्ते को

23 दिसंबर राष्ट्रीय किसान दिवस

सफेद बालों को काला करने के घरेलू उपाय

hair problem
Image by pixabay

सफेद बाल हो जाएंगे पूरी तरह काले अगर हम इन पत्तों का इस्तेमाल सही तरीके से करें,

महंगें प्रोडक्ट की जगह इन पत्तों का इस्तेमाल करें, इनका लेप लगाएं और जल्द से जल्द सफ़ेद बालों की समस्या से छुटकारा पाएं।

अक्सर देखा जाता है असमय हमारे काले बाल सफ़ेद दिखने लगते हैं, और जिसका कारण पता भी नहीं चलता कितनी जल्दी क्यों हमारे बाल सफेद हो रहे। आजकल तो कम उम्र के बच्चों में भी यह समस्या देखे जा रहें हैं काले बालों के बीच में कुछ सफ़ेद बाल अचानक ही दिखने लगते हैं। थोड़ी सी लापरवाही और थोड़ी सी केयर नहीं करने की वज़ह से ऐसा हो जाता है। तो चलिए कुछ घरेलू नुस्खे मैं बताती हूं जिसको आप इस्तेमाल करके दो-तीन महीने के अंदर फ़र्क भी महसूस कर सकती हैं।

Curry leaf

करी पत्ता  – करी पत्ता हर जगह मिलता है और बहुत सस्ता भी है, बस इन पत्तों को पीसकर इनका लेप बनाना है, और उसे बालों पर अच्छी तरह लगाना है बालों की जड़ से लेकर बालों के ऊपर अच्छी तरह उसका लेप लगा ले और एक घंटा डेढ़ घंटा आप उसे वैसे ही रहने दें, फिर उसे पानी से धो ले। बाल सूखने के बाद उसके ऊपर आप तेल लगा ले।  ऐसा आप हफ्ते में दो बार या एक बार भी करेंगे तो बहुत फ़ायदा होगा। कुछ ही समय के बाद आप देखेंगे बालों का सफ़ेद होना रुक गया है और जो सफ़ेद बाल थे वे काले भी हो रहे हैं। 

नारियल का तेल और करी पत्ता  – नारियल के तेल में करी पत्ता डालकर अच्छी तरह गर्म कर लें। उसे तब तक गर्म करें जब तक करी पत्ते की नमी ना चली जाए। जैसे ही पत्तों की नमी चली जाए, पत्ते तेल के अंदर अच्छी तरह अपना असर छोड़ देते हैं। आप देखेंगे कि तेल का रंग भी बदल गया है हल्का हरे रंग का वह तेल हो जाएगा। आप उस तेल को ठंडा करके किसी जार में घर पर रख सकते हैं, यह तेल लंबे समय तक खराब नहीं होगा और उसे समय-समय पर सप्ताह में कम से कम एक या दो बार उसका मसाज करें, इससे भी आपके सफ़ेद बालों को काला करने में मदद मिलेगी।

नींबू के रस में आंवले का चूर्ण – नींबू के रस में भी आंवले का चूर्ण मिलाकर एक अच्छा लेप बना सकते हैं और इसको सप्ताह में एक बार लगाने पर और उसे कम से कम एक घंटा बालों पर रहने दें। उसके बाद उसे धो लें। ऐसा करने से भी बाल जल्दी सफेद नहीं होते हैं और जो सफेद बाल है वह जल्दी काले भी हो जाते हैं।

इन सब घरेलू उपाय से बहुत जल्दी ही सफेद बाल काले हो जाते हैं और दूसरा अगर हमारे सफेद बाल नहीं भी है तो वह जल्दी सफ़ेद नहीं होंगे। एक लंबे समय तक हमारे बाल काले और घने रहेंगे। इन सब उपायों को अपनाकर हम उन महंगे प्रोडक्ट्स से बच सकते हैं जो बाजार में मिलते हैं और उनका असर इतना नहीं होता जितना इनके इस्तेमाल से होता है।

– Usha Patel

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