स्वतंत्रता दिवस पर देशभक्ति कविता
स्वतंत्रता दिवस देश का प्रमुख राष्ट्रीय पर्व है। अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग, तपस्या और बलिदान के बाद आखिरकार 15 अगस्त 1947 को देश को अंग्रजी हुकूमत से आजादी मिली थी। इस दिन हम अपनी आजादी के लिए हुए बलिदानों को याद करते हैं और देश के प्रति अपना प्रेम व्यक्त करते हैं। कविताएं हमारी भावनाओं को शब्द देने का एक शक्तिशाली माध्यम हैं। ऐसे में आप भी स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2025 पर हिन्दी कविता सुना कर लोगों का दिल जीत सकते हैं।
खूब बहती है अमन की गंगा बहने दो,
मत फैलाओ देश में दंगा रहने दो|
यही अरमान है बस अब इस दिल में,
कि ऐसे ही आगे तुम बढ़ते रहना।
यही है गंगा, यही हैं हिमालय, यही हिन्द की जान हैं,
और तीन रंगों में रंगा हुआ ये अपना हिन्दुस्तान हैं।
खुशनसीब हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं,
मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं|
लिख रहा हूं मैं अजांम जिसका कल आगाज आयेगा,
मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लाऐगा|
मुझे ना तन चाहिए ना धन चाहिए,
बस अमन से भरा यह वतन चाहिए|
आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे,
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे|
देशभक्तों से ही देश की शान है,
देशभक्तों से ही देश का मान है|
लहराएगा तिरंगा अब सारे आसमान पर,
भारत का ही नाम होगा सबकी जुबान पर|
गुलाम बने इस देश को आजाद तुमने कराया है,
सुरक्षित जीवन देकर तुमने कर्ज अपना चुकाया है||
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