इम्तिहान

माने या ना माने, 

आसान तब भी नहीं था, 

जब बच्चे थे,

अब भी नहीं है, 

और आगे भी जूझना है, 

कई मुश्किलों से,

हर इम्तिहान में पास हो, 

यह भी मुमकिन नहीं है, 

मगर हार कर बैठ जाए, 

यह भी मुनासिब नहीं है।।

– Supriya Shaw…✍️🌺